बंगाल विधानसभा का बजट , अभिभाषण पूरा पढ़ भी नहीं पाए और चार मिनट में ही विधानसभा भवन से बाहर निकल गए राज्यपाल
आकाश ज्ञान वाटिका, 2 जुलाई 2021, शुक्रवार, कोलकाता। बंगाल विधानसभा का बजट सत्र शुक्रवार को पहले से अनुमान के मुताबिक भारी हंगामे के साथ शुरू हुआ। हंगामे के कारण राज्यपाल जगदीप धनखड़ अपना बजट अभिभाषण पूरा पढ़ भी नहीं पाए और चार मिनट में ही इसे समाप्त कर विधानसभा भवन से बाहर निकल गए।
राज्यपाल ने दोपहर ठीक दो बजे जैसे ही अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया, भाजपा विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी शुरू कर दी।
सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के विधायकों द्वारा राज्यपाल के विरोध की आशंका को देखते हुए पहले से ही इसका अनुमान था।
इसके कारण भाजपा विधायकों ने पहले ही नारेबाजी शुरू कर दी जिसके कारण पूरा पढ़े बिना राज्यपाल ने चार मिनट में ही अपना बजट अभिभाषण समाप्त कर दिया।
दरअसल, धनखड़ ने पहले ही साफ कर दिया था कि जो सरकार ने लिखकर भेजा है, वो सदन में वह हुबहू नहीं बोलेंगे।
ऐसे में अभिभाषण को हूबहू ना पढ़ने की बात कर कर उन्होंने ममता सरकार पर निशाना साधने के संकेत दे दिए थे। हाल-फिलहाल में सरकार और राजभवन के बीच तल्खी और तेज हो चुकी है।
ऐसे में पहले से ही आशंका थी कि तृणमूल कांग्रेस के विधायक उनका विरोध करेंगे। लेकिन उससे पहले भाजपा विधायकों ने ही राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। भाजपा विधायकों ने सदन में भारत माता की जय के भी नारे लगाए। नारेबाजी के कारण राज्यपाल ने चार मिनट में भी जो वक्तव्य रखा वह किसी को सुनाई नहीं दी।
वहीं, भाजपा के सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि आज से विधानसभा सत्र शुरू हुआ है और राज्यपाल के अभिभाषण में पश्चिम बंगाल में चल रही हिंसा के बारे में उल्लेख नहीं था इसलिए हम लोगों ने विधानसभा में प्रदर्शन किया। उनके अभिभाषण में कोलकाता में हुए फर्जी वैक्सीनेशन के बारे में भी उल्लेख नहीं है।
इधर, बिना पूरा पढ़ें बजट अभिभाषण समाप्त करने के बाद जब राज्यपाल विधानसभा भवन से बाहर निकले तो उनको छोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी भी बाहर आए। दोनों ने हाथ जोड़कर राज्यपाल का अभिवादन किया।
इसके बाद 2:10 बजे गाड़ी में बैठ कर राज्यपाल विधानसभा भवन से बाहर निकल गए। दरअसल, इस सत्र की शुरुआत में ही ममता सरकार और राज्यपाल के बीच टकराव की आशंका तेज हो गई थी। इसकी झलक सत्र शुरू होते ही साफ़ देखी गई। गौरतलब है कि बंगाल में ममता बनर्जी की अगुवाई में लगातार तीसरी बार सरकार बनने के बाद यह विधानसभा का पहला सत्र है।
नियमों के मुताबिक, विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। इस अभिभाषण को राज्य सरकार तैयार करती है, और इसे राज्यपाल को पढ़ने के लिए दिया जाता है।
आमतौर पर अभिभाषण में सरकार के कामकाज का बखान और आने वाली योजनाओं का खाका होता है। लेकिन राज्यपाल जगदीप धनखड़ कई मौकों पर ममता सरकार के कामकाज पर सवाल उठा चुके हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा को लेकर वे लगातार मुखर हैं।
हाल-फिलहाल दोनों पक्षों के बीच तल्खी और तेज हो चुकी है। बीते सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल धनखड़ को भ्रष्टाचारी तक कह दिया था और जैन हवाला केस से उनके जुड़े होने का आरोप लगाया था।
इसके जवाब में राज्यपाल ने सोमवार की शाम को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके खुद पर लगाए गए सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था।
राज्यपाल धनखड़ ने कहा था कि उन पर राजनीति की भावना से प्रेरित होकर सारे आरोप लगाए जा रहे हैं। जाहिर है अभिभाषण को हूबहू ना पढ़ने की बात कहकर उन्होंने सरकार पर निशाना साधने के संकेत दे दिए थे।
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