आकाश ज्ञान वाटिका। खाने को तीखा स्वाद देने वाली काली मिर्च सिर्फ मसाला ही नहीं औषधि भी है। काली मिर्च में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। खानपान की लापरवाही और बढ़ते प्रदूषण के कारण होने वाले बैक्टीरियल और वायरल इंफेक्शन से बचाव में काली मिर्च सहायक है। आयुर्वेद के अनुसार काली मिर्च की तासीर गर्म होती है। काली मिर्च वजन कंट्रोल करने में भी सहायक है। यह शरीर में जमे एक्स्ट्रा फैट और सेल्यूलाइट को तोड़ने का काम करती है।
- कम्प्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल का इस्तेमाल दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा है। काफी देर तक इन उपकरणों पर बैठकर काम करने की वजह से बच्चों और युवाओं की भी आंखों की रोशनी पर असर पड़ रहा है। काली मिर्च को शुद्ध घी में मिलाकर खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है।
- काली मिर्च में पैपरीन नामक तत्व पाया जाता है। यह तत्व औषधीय गुणों से भरपूर है। इसमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैंग्नीज, जिंक, क्रोमियम, विटामिन ए और अन्य पोषक तत्व पाए जाते हैं।
- काली मिर्च में एंटीबैक्टीरियल तत्व पाए जाते हैं। आयुर्वेद में पेट के रोगों के इलाज में काली मिर्च को रामबाण कहा गया है, इसके सेवन से अपच, दस्त, कब्ज और एसीडिटी आदि समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।
- काली मिर्च, मुलेठी और मिश्री मिलाकर लेने से खांसी और जुकाम में राहत मिलती है।
- काली मिर्च में कुदरती तौर पर अवसादरोधी गुण पाए जाते हैं।
- नियमित रूप से काली मिर्च का सेवन करने से तनाव दूर करने में मदद मिलती है।
- काली मिर्च में फ्लेवोनॉयड्स और एंटीऑक्सीडेंट जैसे तत्व भी पाए जाते हैं, जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकते हैं। रोजाना काली मिर्च का सेवन महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे को कम करता है। इसके सेवन से स्तन में गांठ नहीं बनती।
- सर्दियों में काली मिर्च का सेवन से जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द की समस्या में राहत मिलती है।
- काली मिर्च दांतों के दर्द में यह तुरंत फायदा पहुंचाती है। इसीलिए आयुर्वेदिक दंत मंजन चूर्ण में इसे जरुर मिलाया जाता है।
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