स्वामित्व योजना ‘मेरी सम्पत्ति मेरा हक’ के तहत मा० प्रधानमंत्री द्वारा छः राज्यों के 763 गाँवों के 1 लाख लोगों को प्रोपर्टी कार्ड किये गए वितरित
- स्वामित्व योजना के डिजिटल शुभारंभ पर उत्तराखण्ड के 50 गाँव में 6800 व्यक्तियों को स्वामित्व अभिलेख वितरण किया गया।
आकाश ज्ञान वाटिका, रविवार, ११ अक्टूबर २०२०, देहरादून (सु.ब्यूरो)। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को स्वामित्व योजना ‘मेरी सम्पत्ति मेरा हक’ के पायलट फेज के तहत छः राज्यों के 763 गाँवों के 1 लाख लोगों को प्रोपर्टी कार्ड के वितरण का डिजिटल शुभारम्भ किया। महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तराखण्ड, हरियाणा, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड के 1 लाख ग्रामीणों को प्रोपर्टी कार्ड वितरित किये गये। इनमें उत्तराखण्ड के 50 गाँवों के 6800 लोग शामिल हैं।
[box type=”shadow” ]प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कार्यक्रम में कुछ लाभार्थियों से बात भी की। उत्तराखण्ड के पौड़ी गढ़वाल के विकासखण्ड खिर्सू के ग्राम गोदा के श्री सुरेश चंद्र ने प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि पूरी प्रक्रिया पूर्ण पारदर्शिता से सम्पन्न हुई है। इसमें किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ। प्रापर्टी के कागज मिलने से अब बैंक से ऋण भी मिल सकेगा। गाँव से चौखम्भा, केदारनाथ जी की पर्वत शिखरों के दर्शन होते हैं और निकट ही प्रसिद्ध धार्मिक स्थल भी हैं। गाँव के लोग प्रापर्टी कार्ड मिलने के बाद अपने घरों में होम स्टे बनाना चाहते हैं।
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मा० प्रधानमंत्री ने बधाई देते हुए कहा कि वे उत्तराखण्ड के हिमालय क्षेत्र में काफी रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्री सुरेश चंद्र भाग्यशाली हैं कि वे ऐसे स्थान पर रहते हैं जहाँ से पवित्र पर्वतों के दर्शन होते हैं। मा० प्रधानमंत्री ने कहा कि होम स्टे के फोटोग्राफ, कान्टेक्ट नम्बर सहित सारा विवरण वेबसाइट पर उपलब्ध हो ताकि पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को जानकारी मिल सके। इससे होम स्टे का काम बढ़िया तरीके से आगे बढ़ सकता है।
इस अवसर पर केंद्रीय पंचायतराज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री श्री मदन कौशिक, श्री अरविंद पाण्डेय, सहकारिता व उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ० धन सिंह रावत उपस्थित थे।
राजस्व विभाग द्वारा मा० प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा स्वामित्व योजना के डिजिटल शुभारंभ पर उत्तराखण्ड के 50 गाँव में 6800 व्यक्तियों को स्वामित्व अभिलेख वितरण किया गया। यह अभिलेख ड्रोन सर्वे के माध्यम से तैयार किए गए। सर्वे ऑफ इण्डिया एवं राजस्व विभाग की टीमों द्वारा अल्प समय में कार्य पूर्ण किया गया है ।
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