Breaking News :
>>शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान व सीएम धामी ने राज्य के विद्या समीक्षा केन्द्र का लोकार्पण किया>>अतिक्रमण हटाने के नाम पर उत्पीड़न के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल>>बिलासपुर में भरे जाएंगे सुरक्षा कर्मियों के 100 पद, इच्छुक अभ्यर्थी इस दिन कर सकते है आवेदन >>सब्जियों के छिलके फेंकने की बजाय इन तरीकों से करें इस्तेमाल, होंगे कई फायदे>>इन्वेस्टर्स समिट की सफलता हेतु दून में जुटें प्रदेशभर के उद्यमी>>सगाई के कुछ ही दिन बाद महिला से दुष्कर्म कर की हत्या, शरीर पर मिले चाकू के निशान>>एशिया कप 2023- सुपर-4 राउंड में भारत ने पाकिस्तान को 228 रन से हराया >>चिनूक हेलिकॉप्टर ने केदारनाथ धाम में की ट्रायल लैंडिंग, इस दिन पहुंचाएगा पुननिर्माण सामग्री>>प्रभास भगवान राम के बाद अब निभाएंगे महादेव का किरदार, फिल्म कन्नप्पा में हुए शामिल>>पीएम मोदी के जन्मदिन को खास बनाने की योजना, केंद्र शुरू करेगा आयुष्मान भव कार्यक्रम>>महिला कैदियों की बदहाली>>CM धामी के दिशा निर्देशों पर डेंगू रोकथाम के लिए अगले 4 दिन चलेगा महाअभियान, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने दिये निर्देश>>आखिर क्यों चर्चा में है श्री बद्री–केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय..?>>भारतीय दूतावास ने किया स्पष्ट, मोरक्को भूकंप में किसी भी भारतीय नागरिक के प्रभावित होने की रिपोर्ट नहीं>>डेंगू की रोकथाम के लिए प्रदेश सरकार ने तैयार किया नया प्लान, जानिए >>ज्यादा नींबू पानी पीने से शरीर को होते हैं ये नुकसान, जानें कितने गिलास पीना फायदेमंद >>इसरो के आदित्य-एल1 ने सूर्य की तरफ बढ़ाया अहम कदम, तीसरी कक्षा में किया प्रवेश>>रोड़ी बेलावला थाना क्षेत्र में युवक की गोली मारकर की गई हत्या >>अक्षय कुमार की फिल्म ‘वेलकम टू द जंगल’ का टीजर जारी, दिखी सितारों की भीड़>>इंसानियत शर्मसार- गैंगरेप के बाद कपड़े भी साथ ले गए बदमाश, सड़क पर निर्वस्त्र देख लोगों ने समझा पागल
उत्तराखण्डताज़ा खबरेंधार्मिक

खुशहाली एवं सुख-समृद्धि का प्रतीक उत्तराखंड का लोकपर्व “घी-संक्रांत (घी-त्यार) पर अवश्य खायें घी

आकाश ज्ञान वाटिका, 16 अगस्त 2020, रविवार। सूर्य का एक राशि से अलगी राशि में प्रवेश को संक्रान्ति के रूप में मनाया जाता है। उत्तराखण्ड में हिन्दी माह की प्रत्येक 1 (पहली) गते अर्थात संक्रान्ति को एक लोक पर्व के रुप में मनाने परम्परा चली आ रही है। इस दिन लोग प्रातः स्नान कर, व्रत रखकर पूजा अर्चना करते हैं। एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति की अवधि को सौर मास कहते हैं। वर्षभर में कुल 12 संक्रान्तियाँ होती हैं लेकिन इनमें से चार संक्रांति, मेष, कर्क, तुला, मकर संक्रांति महत्वपूर्ण हैं।

भाद्रपद मास की संक्रान्ति के दिन सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करता है, इसी कारण इसे सिंह संक्रांति भी कहते हैं और इस दिन को उत्तराखंड, विशेष रूप से कुमाऊँ अंचल में घी-संक्रांत (घी-त्यार) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग अनिवार्य रूप से घी का सेवन अवश्य करते हैं और लोक मान्यता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन घी का सेवन नहीं करता है उसे अगले जन्म में घोंघा (Snail) के रूप में जीवन मिलता है। घी के प्रयोग से शारीरिक और मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है, अतः शरीर के विभिन्न अंगों में भी घी से मालिश की जाती है। विशेष रूप से छोटे बच्चों के सिर पर घी लगाया जाता है। .

यह ऋतु पर आधारित त्यौहार है तथा उत्तराखंड में घी-संक्रांत या ओलगिया संक्रांति कृषि और पशुपालन से जुड़ा हुआ, एक लोक पर्व है। घी-त्यौहार फसलों में बालियों के लग जाने पर मनाया जाने वाला त्यौहार है। इन दिनों बरसात के मौसम में उगाई जाने वाली फसलों में बालियाँ आने लगती हैं तथा किसान अच्छी फसलों की कामना करते हुए घी-संक्रांति पर ख़ुशी मनाते हैं। फसल की बालियों को घर के मुख्य दरवाज़े के ऊपर गोबर से चिपकाया जाता है।

घी-संक्रांत या ओलगिया संक्रांति के दिन का मुख्य व्यंजन बेडू रोटी है। उरद की दाल भिगाकर पीसने के बाद पिट्ठी से भरवाँ रोटी बनाई जाती है इसी को बेडू रोटी (रोट) कहते हैं। बेडू रोटी को घी में डुबोकर खाई जाती है। अरबी के गाबा (कोमल पत्ते) की सब्जी बनाई जाती है।

[box type=”shadow” ]ओल्गी क्या है ?

घी-संक्रांत मुख्यतः कृषि और पशुपालन से जुड़ा त्यौहार है। इस अवसर पर घी (घृत), खेतों में उगी ताजी सब्जियों, मौसमी फलों आदि को एक दूसरे को भेंट करने की प्रथा भी प्रचलित है। इसके अतिरिक्त शिल्पकार, बढ़ई, लोहार एवं अन्य कास्तकार अपने हाथ की बनी वस्तुयें जैसे कढ़ाई, चिमटा, हल, दातुली, फावड़ा, कुल्हाड़ी आदि भेंट करते हैं और इसके बदले में उन्हें अनाज, रूपये, कपड़े आदि दिया जाता है। उपहार देने की यह प्रथा ओल्गी कहलाती है। घी-संक्रांति में ओल्गी प्रथा के प्रचलन के कारण ही इसे ओलगिया संक्रांति भी कहते हैं।[/box]

[box type=”shadow” ]वर्ष 2020 संक्रान्ति-तिथि:
15 जनवरी 2020, बुधवार       –        मकर संक्रांति
13 फ़रवरी 2020, गुरुवार      –        कुम्भ संक्रांति
14 मार्च 2020, शनिवार         –        मीन संक्रांति
13 अप्रैल 2020, सोमवार       –        मेष संक्रांति
14 मई 2020, गुरुवार            –        वृष संक्रांति
14 जून 2020, रविवार            –       मिथुन संक्रांति
16 जुलाई 2020, गुरुवार        –        कर्क संक्रांति
16 अगस्त 2020, रविवार       –        सिंह संक्रांति, घी-संक्रांत
16 सितम्बर 2020, बुधवार     –        कन्या संक्रांति
17अक्टूबर 2020, शनिवार     –        तुला संक्रांति
16 नवम्बर 2020, सोमवार     –        वृश्चिक संक्रांति
15 दिसम्बर 2020, मंगलवार  –        धनु संक्रांति[/box]

 612 total views,  1 views today

Ghanshyam Chandra Joshi

AKASH GYAN VATIKA (www.akashgyanvatika.com) is one of the leading and fastest going web news portal which provides latest information about the Political, Social, Environmental, entertainment, sports etc. I, GHANSHYAM CHANDRA JOSHI, EDITOR, AKASH GYAN VATIKA provide news and articles about the abovementioned subject and am also provide latest/current state/national/international news on various subject.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!