गोपेश्वर: पहाड़ में बारिश से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। चमोली जिले में सात से अधिक ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवाजाही के लिए लोगों को कई-कई किलोमीटर दूरी पैदल नापनी पड़ रही है। प्रशासन के इंतजाम भी नाकाफी हैं। अधिकांश संपर्क मागरें पर सड़कें खोलने के लिए मशीनें उपलब्ध नहीं हैं।
चमोली जिले में ग्रामीण सड़कों को जोड़ने वाली तीन सौ से अधिक सड़कें हैं, जिसमें से सात से अधिक सड़क बंद होने से निजमुला घाटी के 12 से अधिक गांव प्रभावित हैं वहीं बेमरु स्यूण मोटर मार्ग बंद होने से सात से अधिक गांव के ग्रामीण पैदल ही आवाजाही कर रहे हैं। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर जगह जगह भूस्खलन हो रहा है। सड़क बंद होने की स्थिति में एनएच के चौड़ीकरण के लिए आई मशीनें जगह-जगह मौजूद हैं, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बंद सड़कों को खोलने के लिए संसाधनों की कमी साफ दिख रही है। यही कारण है कि मानसून शुरू होने के दिन ग्रामीण क्षेत्रों की सात से अधिक सड़कें बंद हैं।
ये हैं सड़कें बंद
बिरही-गौंणा मोटर मार्ग
नंदप्रयाग-देवखाल मोटर मार्ग बंद
डिडोली संपर्क मार्ग
हापला-कलसीर मोटर मार्ग
कनकचौरी-रौता मोटर मार्ग
अपर चमोली खैनोली मोटर मार्ग
लासी सरतोली मोटर मार्ग
पीपलकोटी-बेमरु स्यूंण मोटर मार्ग
क्या कहते हैं अधिकारी
जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में बंद सड़कों को खोलने का कार्य जारी है। सड़क से संबंधित विभागों से लगातार कार्य की प्रगति ली जा रही है। मानसून के दौरान सड़कों को त्वरित गति से खोलना जरुरी है।
नंद किशोर जोशी
आपदा प्रबंधन अधिकारी
ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के बारिश के दौरान बंद होने की घटनाएं हो रही हैं, जिसे त्वरित गति से खोले जाने के प्रयास किए जा रहे। लोनिवि ने जेसीबी मशीनों सहित अन्य संसाधनों को बंद सड़कों को खोलने के लिए लगाया गया है।
डीएस रावत
अधिशासी अभियंता लोनिवि गोपेश्वर
मानसून के चलते ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें आए दिन बंद होने से ग्रामीणों को मीलों दूरी पैदल ही तय करनी पड़ रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों को रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए मीलों की पैदल दूरी जोखिम उठा कर आवाजाही करने को विवश हैं।
रविद्र नेगी
निवासी बेमरु
सगाई के लिए नापी 13 किमी पैदल दूरी
चमोली जिले में आए दिन बारिश ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ा रही है। पीपलकोटी के कम्यार गांव के रघुनाथ सिंह के पुत्र प्रमोद सिंह की सगाई मंगलवार को कलगोठ गांव के केदार सिंह की लड़की पूर्वा से होनी थी। मगर सड़क बंद होने से उन्हें 13 किलोमीटर की पैदल दूरी नापनी पड़ी। कम्यार गांव से कलगोठ गांव की दूरी आठ किलोमीटर है, लेकिन उन्हें सड़क बंद होने से उन्हें पांच और किलोमीटर यानी 13 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी नापनी पड़ी।
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