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राजस्थान विधानसभा सत्र से ठीक पहले कांग्रेस में लौटे सचिन पायलट, जानें-सुलह का कारण

आकाश ज्ञान वाटिका, 11 अगस्त 2020, मंगलवार। राजस्थान विधानसभा सत्र से ठीक पहले हुए राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार को पायलट को बुलाकर सीधी बातचीत की। इसमें पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ शिकायतों का पिटारा खोला तो हाईकमान ने समाधान निकालने का भरोसा दिया। पायलट ने कांग्रेस के साथ अपनी सियासी पारी जारी रखने की प्रतिबद्धता भी जताई। हाईकमान ने पायलट व उनके समर्थक विधायकों की शिकायतों पर गौर कर हल निकालने के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाने की घोषणा भी की है। इस सुलह से जहां कांग्रेस ने राजस्थान विधानसभा में नंबर गेम साधने की कोशिश की है, वहीं अपने खेमे के साथियों का भी समर्थन खोते जा रहे पायलट को भी पार्टी की छतरी में रहना ही ज्यादा सुरक्षित विकल्प लग रहा है।राहुल गांधी के निवास पर करीब दो घंटे से अधिक चली बैठक में पायलट ने अपने साथ बागी विधायकों की वापसी के फॉर्मूले पर हाईकमान से बातचीत की।

बैठक की मुख्य सूत्रधार प्रियंका गांधी भी इस दौरान पूरे समय न केवल मौजूद रहीं बल्कि बागियों की वापसी में आ रही अड़चनों को दूर करने में भी खासी सक्रिय दिखीं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पायलट और उनके समर्थकों को तत्काल पद नहीं मिलेगा बल्कि शिकायतों पर गौर करने के लिए बनी समिति की रिपोर्ट के आधार पर सुलह का आखिरी फॉर्मूला निकलेगा। डिप्टी सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के दोहरे पद पर पायलट की वापसी की गुंजाइश बहुत कम है, लेकिन अगले चुनाव में कांग्रेस का सीएम चेहरा घोषित करने से लेकर एआइसीसी में महासचिव बनाने जैसे विकल्प पायलट के लिए जरूर खुले हुए हैं।

कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने देर शाम बयान जारी कर पायलट के कांग्रेस की राह पर लौटने की घोषणा करते हुए इस आशय का साफ संदेश भी दिया। उनके अनुसार पायलट ने सोमवार को राहुल गांधी से मुलाकात में सभी शिकायतों पर खुली-बेबाक और निर्णायक बातचीत की। पायलट ने इस दौरान कांग्रेस पार्टी और राजस्थान सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई। वेणुगोपाल ने कहा कि राहुल-सचिन की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि पायलट और असंतुष्ट विधायकों की शिकायतों पर गौर कर उनका उचित हल निकालने के लिए एआइसीसी की तीन सदस्यीय समिति गठित की जाएगी।

अब ऐसे निकलेगा रास्ता

  • समिति की रिपोर्ट के आधार पर तय होगा सुलह का आखिरी फॉर्मूला
  • पायलट को कांग्रेस में उनकी प्रतिष्ठा के हिसाब से पद देने का वादा
  • बागी विधायकों को भी राजस्थान सरकार और प्रदेश संगठन में उचित जगह मिलेगी
  • मंत्री पद से बर्खास्त विधायकों को दोबारा मंत्री बनाए जाने के आसार

यह रहा सुलह का कारण

राजस्थान की सत्ता में निष्कंटक बने रहने के लिए गहलोत को बागी विधायकों की जरूरत है। वहीं अपने खेमे के विधायकों का भी साथ खोते जा रहे पायलट के लिए भी पार्टी की लीक पर लौटना ही सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। बागी विधायकों के सामने भी विधानसभा की सदस्यता कायम रखने के लिए पार्टी के साथ के अलावा कोई रास्ता नहीं है।

पायलट और गहलोत दोनों खुश

वेणुगोपालगहलोत ने भले ही जहर का घूंट पीने की बात कही हो, लेकिन कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल का कहना है कि पायलट और अशोक गहलोत दोनों खुश हैं। उन्होंने कहा, ‘यह भाजपा के गैर लोकतांत्रिक चेहरे पर तमाचा है। वे लोग विधायकों को खरीदने और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश कर रहे थे।’

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Ghanshyam Chandra Joshi

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