गैरसैंण में त्रिवेंद्र सरकार का दूसरा बजट : उत्तराखंड में शहरों से लेकर गाँवों तक को मिलेगा सड़कों का तोहफ़ा
आकाश ज्ञान वाटिका, 4 फ़रवरी 2021, गुरुवार, देहरादून। प्रदेश में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों का जाल बिछाने और आपदा प्रबंधन के लिए बजट की पोटली में दरियादिली दिखाई देगी। किसानों, बागवानों, पर्यटन कारोबारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने के साथ आम आदमी को राहत देने के लिए कई कदम बजट का हिस्सा बनने जा रहे हैं। चुनावी वर्ष में बजट का सर्व समावेशी खाका बनाने को खास मशक्कत की गई है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिश से मिलने वाली वित्तीय मदद ने इस बार सरकार का हौसला बढ़ा दिया है।
गैरसैंण में त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार का यह लगातार दूसरा बजट सत्र है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए तैयार किए गए बजट के केंद्र में इस बार आम आदमी ज्यादा रहने वाला है। अगले वर्ष विधानसभा चुनाव के लिहाज से इस बजट की सरकार के लिए बड़ी अहमियत है। गांवों और शहरों के साथ ही विधानसभा क्षेत्रों को विभिन्न विकास योजनाओं से नवाजने की तैयारी है। आम आदमी को राहत देने के साथ हर घर को नल, आवासहीन को छत, वंचित ग्रामीण और शहरी आबादी को नई पेयजल योजनाओं पर खास जोर दिया गया है। केंद्रीय योजनाओं पर राज्य के विकास का दारोमदार रहना है।
माना ये भी जा रहा है कि किसानों को खेती के साथ कृषि उद्यमिता और बागवानों के लिए नए बजट में खास मशक्कत की गई है। 31 हजार से ज्यादा बागवानों को लाभ पहुंचाने के लिए बजट में प्रविधान दिखाई पड़ सकता है। मंत्रिमंडल ने 56900 करोड़ के नए बजट आकार को मंजूरी दे चुका है। गुरुवार को गैरसैंण विधानसभा में पेश किए जाने वाले बजट में त्रिवेंद्र सरकार का सांस्कृतिक एजेंडा नए तेवर भी दिखाई देगा।
- गढ़वाल व कुमाऊं एक-एक राजकीय आदर्श आवासीय संस्कृत विद्यालय
- चार धाम चार वेद केंद्र की स्थापना, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में श्री बदरीनाथ वेद वेदांग संस्कृत महाविद्यालय जोशीमठ में स्थापित होगी वेदशाला
- 12 जिलों में संस्कृति ग्राम निर्माण योजना
- संस्कृत अकादमी हरिद्वार के परिसर में संस्कृत चैनल से संस्कृत का प्रचार-प्रसार
- पौड़ी जिले के सतपुली में वृहद सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना, लोक सांस्कृतिक विरासत व लोक कला को सहेजेंगे
नए बजट को आकार देने में इस बार राज्य सरकार को बड़ी मदद 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों से भी मिली है। राजस्व घाटा अनुदान, आपदा प्रबंधन और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना को लेकर आयोग ने राज्य की जरूरतों का ख्याल रखा है। अगले वित्तीय वर्ष के बजट में इन जरूरतों की पूर्ति का खाका खींचा गया है। खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इसके संकेत दे चुके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की मानें तो नए बजट में आम आदमी को बड़ी राहत मिलने जा रही है।
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