उत्तर प्रदेश में 10 से 12 फरवरी के बीच होने जा रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 की तैयारियां जोरो पर, पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ
आकाश ज्ञान वाटिका, 4 फ़रवरी 2023, शनिवार, लखनऊ। उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 के माध्यम से निवेश जुटाने की योगी सरकार की कोशिशों के परिणाम सोच से कहीं बेहतर दिख रहे हैं। निवेश प्रस्तावों का आंकड़ा 21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है जो कि राज्य सरकार द्वारा तय किए गए संशोधित लक्ष्य 17 लाख करोड़ से कहीं अधिक है।
मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेशकों की सबसे अधिक रुचि देखी गई है। कुल निवेश प्रस्तावों का 56 प्रतिशत इसी सेक्टर के खाते में जाता दिख रहा है।मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में इतने बड़े पैमाने पर मिले निवेश प्रस्ताव राज्य सरकार की नीतियों और प्रोत्साहन पर मुहर लगा रहे हैं। राज्य सरकार निवेशकों को कैपिटल सब्सिडी के साथ-साथ स्टांप ड्यूटी में छूट समेत कई रियायतें दे रही है।
मैन्युफैक्चरिंग के बाद दूसरा नंबर कृषि क्षेत्र का रहा है। 15 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव और एमओयू कृषि क्षेत्र में हुए हैं। वहीं, आधारभूत संरचना के क्षेत्र में आठ प्रतिशत, टेक्सटाइल में सात प्रतिशत और पर्यटन में पांच प्रतिशत निवेश प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को अब तक हासिल हुए हैं। इसके अलावा शिक्षा, आइटी एंड इलेक्ट्रानिक्स, हेल्थकेयर, वेयरहाउसिंग एंड लाजिस्टिक, सौर ऊर्जा और फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर में भी बड़े पैमाने पर एमओयू हुए हैं।
कितने प्रतिशत निवेश प्रस्ताव किस क्षेत्र में मिले
- 56 प्रतिशत एग्रीकल्चर एंड एलाइड : 15 प्रतिशत
- इंफ्रास्ट्रक्चर : 8 प्रतिशत
- टेक्सटाइल : 7 प्रतिशत
- पर्यटन : पांच प्रतिशत
- शिक्षा : तीन प्रतिशत
- आइटी एंड इलेक्ट्रानिक्स : दो प्रतिशत
- हेल्थकेयर : एक प्रतिशत
- वेयरहाउसिंग एंड लाजिस्टिक : एक प्रतिशत
- रिन्यूएबल एनर्जी : एक प्रतिशत
- फार्मास्युटिकल एंड मेडिकल डिवाइसेस : एक प्रतिशत
पश्चिमांचल निवेश खींचने में सबसे अधिक सफल रहा
उत्तर प्रदेश का पश्चिमी हिस्सा जिसे पश्चिमांचल भी कहा जाता है निवेश खींचने में सबसे अधिक सफल रहा है। कुल निवेश प्रस्तावों और एमओयू का 45 प्रतिशत हिस्सा इसी क्षेत्र के खाते में गया है। इसकी वजह इस क्षेत्र का दिल्ली से जुड़ाव और यहां का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर भी है। पश्चिमांचल के साथ ही प्रदेश का पूर्वी हिस्सा यानी पूर्वांचल भी निवेशकों को लुभा रहा है। इस क्षेत्र को भी औद्योगिक नीति के तहत कई तरह की रियायतें मिली हैं। अब तक हासिल निवेश प्रस्तावों का 29 प्रतिशत हिस्सा पूर्वांचल को मिलता दिख रहा है। वहीं, मध्यांचल और बुंदेलखंड को 13-13 प्रतिशत निवेश के प्रस्ताव मिले हैं।
क्षेत्रवार स्थिति
पश्चिमांचल : 45 प्रतिशत
पूर्वांचल : 29 प्रतिश्त
मध्यांचल : 13 प्रतिशत
बुंदेलखंड : 13 प्रतिशत
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