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धरा पर पेड़-पौधों का सजा जो आवरण है………
आकाश ज्ञान वाटिका, 22 अप्रैल 2022, शुक्रवार, देहरादून।
**** धरती दिवस पर ****
धरा पर पेड़-पौधों का सजा जो आवरण है,
मिला नदियों से हमको स्वर्ग का वातावरण है।
न डालो मैल नदियों में न काटो पेड़ मानो,
यही तो रोग को सीधा बुलावा विष वरण है।
अभी जागे नहीं तो रोग का आह्वान होगा,
सभी वीमारियों का मूल ही पर्यावरण है।
सभी ये जानते तो हैं नहीं क्यों मानते हैं,
हुआ पथ भ्रष्ट जाने क्यों हमारा आचरण है।
बहुत नक्षत्र हैं ब्रहम्माण्ड में पर हम कहाँ हैं,
हमें धरती हमारी दे रही अब भी शरण है।
अभी कलयुग की दस्तक है धरा पै शोर देखो,
अनौखे रोग विष कण का तभी आया चरण है।
हिमालय क्रोध में आया बढ़ा है ताप उसका,
हमारी त्रुटियाँ “हलधर” हमारा आमरण है।
साभार: कविवर जसवीर सिंह ‘हलधर’
मो०: 9897346173
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