पीएम नरेंद्र मोदी ने आकाशीय बिजली गिरने से मारे गए लोगों के प्रति व्यक्त की संवेदना
आकाश ज्ञान वाटिका, 12 जुलाई 2021, सोमवार, नई दिल्ली। बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरना काफी आम बात मानी जाती है। लेकिन ये आम सी बात अक्सर लोगों की जान ले लेती है। रविवार को राजस्थान, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश समेत कुछ अन्य राज्यों में भी इसकी वजह से गई लोगों की जान चली गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्थान में 23 लोगों की मौत हो गई। वहीं 28 घायल हो गए। पीएम नरेंद्र मोदी व राज्यपाल कलराज मिश्र ने मृतकों के प्रति संवेदना जताई है। बिजली गिरने से जयपुर में ही करीब 16 लोगों की मौत हुई है। इनमें से 11 की मौत जयपुर के आमेर किले पर बने वॉच टावर पर उस वक्त हुई जब ये लोग यहां पर सेल्फी ले रहे थे।
हादसे के वक्त यहां पर करीब 35 लोग मौजूद थे। बिजली गिरने की वजह से कई लोग उछल कर नीचे पहाड़ी में जा गिरे। सरकार ने यहां पर रेस्क्यू मिशन चलाया हुआ है। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनमें से कुछ ही हालत नाजुक बताई जा रही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इन घटनाओं में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है। अपने एक ट्वीट में उन्होंने लिखा है कि ‘राजस्थान के कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इससे अत्यंत दुख हुआ है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’
आकाशीय बिजली का असर इंसान के शरीर पर दूसरों की तुलना में कहीं अधिक होता है। इसकी चपेट में आने से डीपबर्न जैसी परेशानी आती है जिसमें हमारे टिश्यूज डैमेज हो जाते हैं। इसका असर हमारे नर्वस सिस्टम पर भी पड़ता है। इसकी चपेट में आकर व्यक्ति अपंग भी हो सकता है। आपको बता दें कि बिजली गिरना और बिजली चमकना दोनों ही अलग-अलग घटनाएं हैं आपको हैरानी होगी कि धरती पर बिजली गिरने की घटनाएं लगभग हर मिनट ही होती है। जब बिजली गिरती है तो वहां के आसमान का तापमान करीब 15 हजार डिग्री फारेनहाइट तक होता है। इस तरह से आई एनर्जी सूरज की गर्मी से बहुत अधिक गर्म होती है। बिजली गिरने की घटना कब और कहां होगी इसका पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।
आकाशीय बिजली से बचने के उपाय
- यदि आप घर में हैं तो आंधी या बारिश के समय अपने टीवी, रेडियो, फ्रिज या अन्य दूसरी बिजली की चीजों के प्लग निकाल दें और इन्हें ऑफ कर दें।
- बारिश के दौरान मोबाइल का उपयोग करने से भी बचें।
- नंगे पांव फर्श पर न खड़ें हों। इलेक्ट्रिक एपलाइंस से दूरी बनाकर रखें।
- ऐसी चीजों से भी दूर रहे जो बिजली गिरने पर इसके कंडक्टर की भूमिका में आ सकते हैं। जैसे लोहे के पाइप आदि।
- पेड़ के नीचे या खुले मैदान में जानें से बचें और खुद को किसी इमारत के नीचे छिपकर बचाने की कोशिश करें।
बारिश के दिनों में अक्सर आसमान में बादल उमड़ते घुमड़ते दिखाई देते हैं। जब ये बादल विपरीत दिशा से आ रहे बादलों से टकराते हैं तो इससे इनमें मौजूद पानी की बूंदे चार्ज हो जाती हैं और एनर्जी जनरेट होती है जो सीधे धरती की तरफ आती है। इसकी ही वजह से कई बार हमें बिजली तड़तड़ाने की तेज आवाज सुनाई देती है। आवाज बिजली चमकने के कुछ देर बाद सुनाई देती है। ऐसा इसलिए क्योंकि बिजली की रफ्तार आवाज की रफ्तार से काफी तेज होती है। इसलिए इसमें इतना अंतर दिखाई देता है। धरती से टकराने के लिए इसको एक कंडक्टर की जरूरत होती है। इसका ये काम आसान बनाते हैं धरती पर लगे बिजली के खंभे। ऐसे में यदि कोई इनकी चपेट में आता है तो उसकी जान भी जा सकती है।
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