हिंदी दिवस पर प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनायें, अमित शाह ने कहा मोदी सरकार की नयी शिक्षा नीति से हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं का समांतर विकास होगा
आकाश ज्ञान वाटिका, 14 सितम्बर, 2020, सोमवार। हिंदी देश और दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत देश ही हिंदी भाषा से जाना जाता है। यह एक प्रसिद्ध भाषा है। आज के दिन देश में हिंदी दिवस मनाया जा रहा है। वहीं, इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री से लेकर गृह मंत्री ने हिंदी के विकास में काम कर रहे लोगों का धन्यवाद किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘हिंदी दिवस पर आप सभी को बहुत-बहुत शुभकामनायें। इस अवसर पर हिंदी के विकास में योगदान दे रहे सभी भाषाविदों को मेरा हार्दिक अभिनंदन।’
इसके अलावा देश के गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी दिवस पर लगातार कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा, ‘हिंदी उसकी भाषा है। भारत की विभिन्न भाषाएं व बोलियां उसकी शक्ति भी हैं और उसकी एकता का प्रतीक भी। सांस्कृतिक व भाषाई विविधता से भरे भारत में “हिंदी” सदियों से पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोने का काम कर रही है।’ उन्होंने आगे कहा कि हिंदी भारतीय संस्कृति का अटूट अंग है। स्वतंत्रता संग्राम के समय से यह राष्ट्रीय एकता और अस्मिता का प्रभावी व शक्तिशाली माध्यम रही है। हिंदी की सबसे बड़ी शक्ति इसकी वैज्ञानिकता, मौलिकता और सरलता है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार की नयी शिक्षा नीति से हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं का समांतर विकास होगा।
अमित शाह द्वारा हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी शक्तिकरण में योगदान देने वाले सभी महानुभावों को नमन किया गया। वहीं उन्होंने देशवासियों से यह आवाहन भी किया कि अपनी मातृभाषा के साथ-साथ हिंदी का अधिक से अधिक प्रयोग कर उनके संरक्षण व संवर्धन में अपना योगदान देने का संकल्प लें।
बता दें कि 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में लिखी हिन्दी को अंग्रेजी के साथ राष्ट्र की आधिकारिक भाषा के तौर पर स्वीकार किया। बाद में जवाहरलाल नेहरू सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन के महत्व को देखते हुए हर साल 14 सितंबर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया। पहला आधिकारिक हिन्दी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था।
वहीं, हिंदी लिखने के अपने अलग ही मजे हैं। हिंदी हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है, लेकिन यहां ये बात भी ध्यान रखने वाली है कि हिंदी अब वैसी नहीं रही जैसी पहले थी। अब हिंदी की भाषा, परिभाषा और रूपरेखा में बदलाव आया है। आजकल के युवाओं ने हिंदी को अपनी जरूरत अनुसार लिखना शुरू कर दिया है।
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