लव मैरिज के बाद क्यों पैरेंट्स ने कराई दूसरी शादी
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नई दिल्ली, माता-पिता द्वारा दूसरी शादी करने के लिए मजबूर की गई युवती को दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने पहले पति के पास जाने की अनुमति दे दी है। युवती ने पहले पति से प्रेम विवाह किया था। न्यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कहा कि युवती बालिग है और वह जिसके भी साथ चाहे, रहने की हकदार है
दंपती को सुरक्षा देने के लिए हाई कोर्ट ने पुलिस को दिए आदेश
पीठ ने यह कहते हुए उसे अपने पहले पति के साथ रहने की अनुमति दे दी। साथ ही पीठ ने सरिता विहार के एसएचओ को निर्देश दिया कि वह सुनिश्चित करें की दंपती को किसी तरह का कोई खतरा नहीं हो।
पीठ के सामने यह मामला तब आया जब युवती के पहले पति ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर, उसे अदालत के समक्ष पेश होने के निर्देश देने की मांग की। जब युवती को पेश किया गया तो उसने पीठ के सामने कहा कि वह उसके साथ रहना चाहती है, जिससे उसने अपनी मर्जी से शादी की है।
माता-पिता ने युवती को किया था दूसरे विवाह के लिए मजबूर
इस दौरान उसने पुष्टि भी की कि उसे दूसरी शादी करने के लिए मजबूर किया गया था। महिला ने जून माह में दूसरी जाति के युवक से शादी की थी, लेकिन परिजनों को यह शादी स्वीकार नहीं थी। इस पर परिजनों ने युवती की दूसरे युवक के साथ जबरन शादी कर दी थी।
बयान पर कायम रहने का दिया निर्देश
सुनवाई के दौरान यायमूर्ति मनमोहन व न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने युवती के परिजनों व उसके दूसरे पति से बात की और उन्होंने अदालत में बयान दिया कि वह न तो दोनों को कोई नुकसान पहुंचाएंगे और न ही उनके संपर्क में रहेंगे।
पीठ ने दोनों के बयान को दर्ज किया और इस पर कायम रहने का निर्देश दिया। पीठ ने पुलिस को निर्देश दिया कि वह दंपति के घर जाते रहेंगे और आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए उनका मोबाइल फोन नंबर ले लें।
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