इस बार दीपावली के मौके पर लोगों के घरों को रोशन करेंगी, महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाई जा रही रंगीन बल्बों की झालरें
“जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना,
अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए”
आकाश ज्ञान वाटिका, गुरुवार, 29 अक्टूबर 2020, कोटाबाग/कालाढूंगी (सूचना)। विकास खण्ड कोटाबाग की महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाई जा रही रंगीन बल्बों की झालरें (एलईडी) इस बार दीपावली के मौके पर लोगों के घरों को रोशन करेंगी। सस्ती एवं टिकाऊ झालरों का उत्पादन महिला कलस्टर लेबल फैडरेशन के तहत कार्यरत 14 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। जिसके जरिये 40 महिलाओं को रोजगार मिला है। झालरों का निर्माण एलईडी ग्रोथ सेन्टर के जरिये हो रहा है।
जिलाधिकारी श्री सविन बंसल ने बताया कि इस ग्रोथ सेन्टर का शुभारम्भ विगत जुलाई माह में हुआ था। चार माह के अन्तराल में महिलाओं द्वारा झालर बनाकर एवं उनकी ब्रिकी से लगभग दो लाख की आय अर्जित की है। उन्होेंने कहा कि विद्युत बल्बों की झालर बनाना एक तकनीकी कार्य है। खुशी की बात है कि इस तकनीकी को महिलाओं ने सीखा और तकनीकी को आत्मसाद करते हुए कुशलता पूर्वक झालर निर्माण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि जनपद में यह पहली दीपावली होगी जहाँ इन महिलाओं द्वारा बनाई रंगीन विद्युत झालरें जगमग होंगी। इसकी ब्रिकी के लिए जनपद में विभिन्न स्थानों पर स्टाल लगाये जा रहे हैं ताकि झालरें आम आदमी तक पहुँचे तथा महिलाओं को उचित बाजार की ब्रिकी के लिए मिल सके। एलईडी बल्ब निर्माण ग्रोेथ सेन्टर का मुख्य उददेश्य महिलाओं को अपनी घरेलु दिनचर्या के कार्यों के साथ ही परिवार की आर्थिकी मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन एक महत्वाकांक्षी मिशन है जिसका उद्देश्य ग्रामीण परिवारों को संगठित कर उन्हें रोजगार के स्थायी अवसर उपलब्ध कराना है। उन्होंने कहा कि मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण स्तर पर गरीब परिवारों की महिलाओं को जोड़कर स्वयं सहायता समूह के जरिये कार्य किया जाए। इन महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा इसी योजना के अन्तर्गत झालर बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महिलाओं द्वारा अपनी कुशलता से रंगबिरंगे बल्ब, झूमर, लड़ियाँ तथा कछुआ आदि का निर्माण भी किया जा रहा है। एलईडी ग्रोथ सेन्टर को मशीनों, उपकरणों व अन्य सामग्री के लिए 28 लाख की धनराशि निर्गत की गई है। समूहों द्वारा कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर समूह की महिलाओं द्वारा 3 वाट, 7 वाट तथा 9 वाट के एलईडी बल्ब भी तैयार किये जा रहे हैं। समूह की महिलाओं को तीन से चार हजार रूपये तक की आय हो रही है।[/box]
[box type=”shadow” ]जिलाधिकारी श्री सविन बंसल की यह सार्थक पहल गोपाल दास नीरज की “जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अंधेरा धरा पर कहीं रह न जाए” पंक्तियों को सार्थक करती है।[/box]
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