जनपद नैनीताल सतत विकास लक्ष्य में प्रदेश में सबसे आगे, ऊधमसिंहनगर सबसे नीचे
आकाश ज्ञान वाटिका, 05 अगस्त 2022, शुक्रवार, देहरादून। गरीबी और भुखमरी को समाप्त करने समेत सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को पाने की दौड़ में उत्तराखंड ने अपने प्रदर्शन को सुधारने का उत्साह बनाए रखा है। एसडीजी में प्रदेश की रेटिंग फ्रंट रनर में सम्मिलित है। प्रदेश के भीतर 13 में से 10 जिलों का प्रदर्शन संतोषजनक है।
इन सभी में नैनीताल जिला 75 अंक के साथ सर्वोच्च स्थान, जबकि ऊधमसिंह नगर जिला 54 अंक के साथ सबसे नीचे है। एसडीजी के अंतर्गत 19 लक्ष्य निर्धारित हैं। इनमें शून्य गरीबी, शून्य भुखमरी, अच्छा स्वास्थ्य व रहन-सहन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिंक समानता, स्वच्छ जल व स्वच्छता पहले छह लक्ष्य हैं।
इनके बाद वहन करने योग्य व स्वच्छ ऊर्जा, अच्छी कार्य संस्कृति व आर्थिक उन्नति, औद्योगिक नवाचार व अवस्थापना, असमानता में कमी, सतत शहर और समुदाय, उत्तरदायी उपभोग एवं उत्पादन, जलवायु गतिविधि, जीवन, शांति, न्याय व सशक्त संस्थाएं और लक्ष्य पूर्ति में सहभागिता के बिंदुओं पर एसडीजी का मूल्यांकन किया जाता है।
एसडीजी रेटिंग में उत्तराखंड को प्राप्त हुए कुल औसत 69 अंक
प्रदेश सरकार की ओर से गठित सेंटर फार पब्लिक पालिसी एंड गुड गवर्नेंस (सीपीपीजीजी) की ओर से वर्ष 2021-22 के लिए जारी की गई एसडीजी रेटिंग में उत्तराखंड को कुल औसत अंक 69 प्राप्त हुए हैं। एसडीजी रेटिंग में 65 से 99 तक अंक प्राप्त करने वालों को लक्ष्य प्राप्त करने वालों में फ्रंट रनर माना जाता है।
इससे कम को परफार्मर यानी यथास्थिति वाली श्रेणी में रखा गया है। 99 से अधिक यानी 100 अंक पाने वाले को अचीवर श्रेणी दी गई है। इस श्रेणी में उत्तराखंड का एक भी जिला नहीं है।
इससे पहले यानी वर्ष 2020-21 में परफार्मर श्रेणी में उत्तराखंड के चार जिलों में उत्तरकाशी के 64, पिथौरागढ़ के 63, टिहरी के 59 व ऊधमसिंहनगर के 58 अंक थे। एक साल बाद इन चारों में सबसे अच्छा प्रदर्शन उत्तरकाशी ने किया है।
उत्तरकाशी के वर्ष 2021-22 में 70 अंक हैं। पिथौरागढ़ ने रेटिंग में दो अंकों का सुधार कर 67 अंक प्राप्त किए हैं। टिहरी, हरिद्वार व ऊधमसिंहनगर की रेटिंग सुधरी तो है, लेकिन यह फ्रंट रनर में सम्मिलित होने से पीछे रह गई।
वर्ष 2021-22 – जिलेवार एसडीजी रेटिंग
118 total views, 1 views today