लालकिले पर उपद्रवियों ने किया हिंसक प्रदर्शन, जमकर की तोड़फोड़ व पुलिसकर्मियों पर किया हमला; शर्मनाक घटना
आकाश ज्ञान वाटिका, 27 जनवरी 2021, बुधवार। कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर गणतंत्र दिवस पर प्रस्तावित ट्रैक्टर परेड में शामिल उपद्रवियों ने देश को शर्मसार कर दिया। परेड के लिए तय रूट को छोड़ हुड़दंगी दिल्ली के मध्य तक घुस आए और जमकर उपद्रव किया। लाल किले पर धावा बोलकर उपद्रवियों ने वहां केसरिया झंडा लगा दिया। इस दौरान रोकने की कोशिश कर रहे पुलिसकर्मियों पर उपद्रवियों ने पथराव करने के साथ रॉड और तलवारों से हमला किया। इतना ही नहीं, इंडिया गेट और लाल किले की तरफ बढ़ते समय रोकने पर हुड़दंगियों ने आइटीओ चौराहे पर जवानों व मीडियाकर्मियों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश भी की।
ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली पुलिस ने किसानों के साथ तय हुई शर्तो के अनुसार काम किया और आवश्यक बंदोबस्त किया था। दिल्ली पुलिस ने अंत तक काफी संयम का परिचय दिया, परंतु प्रदर्शनकारियों ने तय शर्तो की अवहेलना की और तय समय से पहले ही ट्रैक्टर परेड शुरू कर दी। आंदोलनकारियों ने हिंसा व तोड़फोड़ का मार्ग चुना, जिसे देखते हुए दिल्ली पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए संयम के साथ जरूरी कदम उठाए। सरकारी संपत्तियों को काफी नुकसान हुआ है और कई पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
उपद्रव में 83 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिन्हें उपचार के लिए लोकनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उपद्रवियों की इस करतूत ने किसानों के नाम पर दो महीने से चल रहे आंदोलन और इसके पीछे की मंशा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हिंसा के बाद किसान नेताओं ने खुद को उपद्रव से अलग कर लिया। योगेंद्र यादव ने तो यहां तक कह दिया कि मैं शर्मिदा हूं और इसकी जिम्मेदारी लेता हूं।गणतंत्र दिवस पर देश ही नहीं, पूरे विश्व ने दिल्ली की सड़कों पर जो उपद्रव देखा, वैसा पहले कभी नहीं देखा गया था। इन बेलगाम हुड़दंगियों ने पूरे देश को शर्मसार कर दिया। सिघु, टीकरी व गाजीपुर बार्डर से हजारों प्रदर्शनकारी आइटीओ और लाल किले तक पहुंच गए। लाल किले के प्राचीर पर चढ़कर उपद्रवियों ने पुलिसकर्मियों के सामने केसरिया झंडा लगा दिया।
मंगलवार 26 जनवरी के दिन दोपहर करीब 12:30 बजे हजारों की संख्या में उपद्रवी ¨रग रोड होते हुए आइटीओ फ्लाईओवर के नीचे पहुंचे। गाजीपुर की सीमा से अक्षरधाम के रास्ते और ¨सघु बार्डर से कश्मीरी गेट के रास्ते प्रदर्शनकारी आइटीओ पहुंचे। यहां पहुंचते ही उपद्रवियों ने बैरिकेड तोड़ दिया। उपद्रवियों ने रास्ता रोकने के लिए खड़ी की गई डीटीसी की बसों व एक पुलिस बस की चाभी चालकों से छीन ली। बसों व बैरिकेड को हटाने के बाद उपद्रवी ट्रैक्टर पर सवार होकर तिलक ब्रिज की ओर बढ़ने लगे। रास्ते भर वे पुलिस अवरोधों को तोड़कर हटाते रहे। आइटीओ चौराहे पर उपद्रवियों ने सात ट्रैक्टरों से एक डीटीसी बस में टक्कर मारकर उसे पलटने की कोशिश भी की। पुराने पुलिस मुख्यालय के गेट के सामने खड़ी एक पीसीआर वैन व पुलिस बस के शीशे तोड़ दिए।
आइटीओ व लालकिले पर उपद्रव करने वालों में करीब 80 फीसद युवा थे, जिनके हाथों में तिरंगे के अलावा लोहे की रॉड, लाठी-डंडे, ईट-पत्थरों से भरा बैग और तलवारें थीं। इन उपद्रवियों ने डिवाइडर पर लगी रेलिंग तोड़कर उसकी रॉड निकाल लीं और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया। उपद्रवियों ने तिलक ब्रिज के नीचे खड़ी डीटीसी बसों को हटाने की भी कोशिश की, लेकिन पुलिसकर्मियों ने लाठीचार्ज कर सभी को खदेड़ दिया। आइटीओ पर खतरनाक तरीके से स्टंट करने पर पुलिसकर्मियों ने कई ट्रैक्टरों के टायर पंक्चर कर दिए। उपद्रवियों ने आइटीओ पर मीडियाकर्मियों के साथ भी मारपीट व दुर्व्यवहार किया। उनके मोबाइल फोन और कैमरे छीन लिए। आइटीओ पर उपद्रवियों व पुलिसकर्मियों के बीच करीब चार घंटे तक रुक-रुक कर झड़प व पथराव होता रहा।
उपद्रवी कभी सड़क के बीचोबीच बैठ जाते तो कभी अचानक पुलिसकर्मियों पर पथराव शुरू कर देते थे। दरअसल, उनकी योजना नई दिल्ली में राजपथ व संसद भवन तक जाने की थी, लेकिन मजबूत बैरिके¨डग व भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी के कारण ऐसा नहीं हो पाया। ¨हसा बढ़ती देख दिल्ली पुलिस ने दिल्ली-एनसीआर में इंटरनेट सेवाएं बंद करा दीं। दिल्ली के अधिकतर मेट्रो स्टेशनों को भी बंद करा दिया गया। आइटीओ व लाल किले पर करीब पांच घंटे तक उपद्रवी कब्जा जमाए रहे। शाम को ये स्थान खाली करा लिए गए। दिनभर पुलिस आयुक्त एनएन श्रीवास्तव की ओर से अधिकारियों और जवानों को डटे रहने व पूरी शक्ति से मुकाबला करने के संदेश आते रहे। हालात बिगड़ता देख पुलिसकर्मियों ने अधिकारियों से गोली चलाने की अनुमति भी मांगी, लेकिन अनुमति नहीं दी गई।
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