कुर्मांचल भवन में स्थित शिवलिंग में पहली बार बड़े ही विशेष संयोग में की जा रही है जलाभिषेक की व्यवस्था
आकाश ज्ञान वाटिका। बृहस्पतिवार, 20 फ़रवरी, 2020, देहरादून। कुर्मांचल परिषद देहरादून की बैठक 20 फरवरी 2020 को स्थान कुर्मांचल भवन जीएमएस रोड़ देहरादून में हुई, जिसमें कुर्मांचल भवन स्थित शिवलिंग में जलाभिषेक की तैयारियां की गई तथा होली सांस्कृतिक समारोह की तैयारियां पूर्ण की गई, इस बार होली समारोह में वीर नारी पुरुस्कार तथा उत्तराखंड गौरव सम्मान भी दिया जाना प्रस्तावित है।
अध्यक्ष कमल रजवार ने बताया कि नामी गिरामी गायको के आने की स्वीकृति मिल गई है, जिनके गायन सुनने को लेकर आम जन में भारी उत्सुकता है,
महासचिव चंद्रशेखर जोशी ने बताया कि नई दिल्ही से आ रहे छैल छबीले छोलिया ग्रुप विशेष प्रस्तुति देंगे, वही गणमान्य अतिथियों के आने की स्वीकृति मिल गई है। इस बार होली समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में पधार रहे उत्तराखंड बीजेपी अध्यक्ष तथा पूर्व कैबिनेट मंत्री का ऐतिहासिक स्वागत होगा, तथा अति विशिष्ट अतिथि एवम विशिष्ट अतिथियों का होली समारोह में भव्य स्वागत के लिये तैयारियां की जा रही हैं।
कुर्मांचल परिषद के अध्यक्ष कमल रजवार ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि शिवरात्रि के विशेष अवसर पर कुर्मांचल भवन, जीएमएस रोड स्थित शिव मंदिर में जलाभिषेक की विशेष व्यवस्था की जा रही है, सभी श्रद्धालुजन कुर्मांचल भवन स्थित शिवलिंग में जल चढ़ाकर पूण्य लाभ अर्जित करे।
ज्ञात हो कि महाशिवरात्रि में शिवलिंग पर जलाभिषेक का मुहूर्त 21 फरवरी साय 5 बजे से 22 फरवरी साय तक है।
महासचिव चन्द्रशेखर जोशी ने बताया कि कुर्मांचल भवन स्थित इस शिवलिंग का बड़ा भारी महात्म्य है, विशेष रूप से मंगाए गए इस शिवलिंग को एक भव्य कार्यक्रम में 21 विद्वान पंडितों द्वारा सिद्व कर स्थापित किया गया है।
इस शिवलिंग स्थापना के बाद पहली शिवरात्रि का बड़ा ही सुखद योग बन रहा है, विशेष मुहूर्त शुरू होते ही जलाभिषेक कर पूण्य के भागीदार बनें।
शिवलिंग (अर्थात प्रतीक, निशान या चिह्न) इसे लिंगा, लिंगम् या शिवा लिंगम् भी कहते हैं। यह हिंदू भगवान शिव का प्रतिमाविहीन चिह्न है। यह प्राकृतिक रूप से स्वयम्भू व अधिकतर शिव मंदिरों में स्थापित होता है। शिवलिंग को सामान्यतः गोलाकार मूर्तितल पर खड़ा दिखाया जाता है जिसे योनी,पीठम् या पीठ कहते हैं। लिंगायत मत के अनुयायी ‘इष्टलिंग’ नामक शिवलिंग पहनते हैं।
कुर्मांचल भवन में स्थित शिवलिंग में पहली बार बड़े ही विशेष संयोग में जलाभिषेक की व्यवस्था की जा रही है। कुर्मांचल भवन के इंचार्ज ई० संतोष जोशी ने बताया कि गंगा जल मिश्रित शुद्वजल जलाभिषेक हेतु रखा जा रहा है।
[box type=”shadow” ]कुर्मांचल सांस्कृतिक एवं कल्याण परिषद्, देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति, कला एवं सांस्कृतिक धरोहरों के संरक्षण एवं संबर्द्धन हेतु समय समय पर अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करती रहती है। [/box]
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