कमलनाथ सरकार की मंत्री नहीं पढ़ पाईं गणतंत्र दिवस पर लिखा संदेश
भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार की महिला एवं बाल विकास विभाग मंत्री इमरती देवी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हुआ यूं कि मंत्री साहिबा गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्पीच नहीं पढ़ पाईं और इस काम को उन्होंने कलेक्टर से करने को कहा।
पेपर पर लिखा संदेश पढ़ने में दिक्कत
ग्वालियर के एसएएफ ग्राउंड में 26 जनवरी के कार्यक्रम का आयोजन हुआ था, जहां मुख्य अतिथि के तौर पर मंत्री इमरती देवी ने शिरकत की, लेकिन उन्हें कार्यक्रम को बीच में छोड़कर जाना पड़ा। दरअसल, कार्यक्रम के दौरान पेपर पर लिखा संदेश पढ़ने में उन्हें काफी दिक्कत हो रही थी। बमुश्किल वे 50 शब्द ही पढ़ सकी होंगी, जिनमें से काफी कुछ वे गलत पढ़ गईं। वे निर्माण जैसे मामूली शब्द को भी पढ़ने में काफी बार अटकीं। कुछ शब्द पढ़ने के बाद उन्होंने बाकी का बचा संदेश नहीं पढ़ा। उन्होंने यह कहते हुए संदेश पढ़ना छोड़ दिया कि कलेक्टर साहब पढ़ेंगे। जिसके बाद बाकी का संदेश वहां मौजूद ग्वालियर के कलेक्टर भरत यादव ने पढ़ा।
अपनी सफाई में मंत्री जी ने कहा
मंत्री जी के संदेश न पढ़ पाने की चौतरफा किरकिरी होने के बाद इमरती देवी ने अपनी सफाई में कहा है कि वे बीमार हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले दो दिनों से बीमार थीं, आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं। लेकिन यह ठीक है। कलेक्टर ने इसे (भाषण) ठीक से पढ़ा।’
12वीं पास इमरती देवी, सिंधिया की करीबी
आपको बता दें कि इमरती देवी 12वीं पास हैं और डबरा विधानसभा सीट से लगातार तीन चुनावों में जीत दर्ज करती आईं हैं। 2018 चुनाव में भी उन्होंने रिकॉर्ड जीत दर्ज की। वर्तमान में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में मंत्री हैं। कहा जाता है कि वे कांग्रेस के महासचिव ज्योतिरादित्य नाथ सिंधिया की खास हैं। मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान उन्होंने खुले मंच से सिंधिया के मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी।
विवादों से पुराना नाता
मंत्री इमरती देवी का विवादों से पुराना नाता रहा है। हाल में इमरती देवी की भाषण के दौरान जुबान फिसल गई थी और वह कह बैठी थीं कि मध्य प्रदेश में अब कोई भी लीगत काम नहीं होगा। शिवपुरी के बैराड़ में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि जब प्रदेश में हमारी सरकार नहीं थी, तो हमारी सुनवाई नहीं होती थी। इस दौरान उऩ्होंने कहा कि अब आपको कोई लीगत काम नहीं होगा। हालांकि कुछ मिनट रुककर उन्हें एहसास हुआ कि वे गलत बोल गई हैं। उनका फाइलें देखकर नींद आ जाने वाला भी बयान काफी सुर्खियों में रहा। दरअसल, बीतें दिनों उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि भोपाल में मंत्रालय में टेबल पर फाइलें देखकर नींद आने लगती है।
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