न्यायाधीश उदय उमेश ललित होंगे भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश
जस्टिस ललित का महज 74 दिन का होगा कार्यकाल
न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित दूसरे ऐसे सीजेआई होंगे, जो बार से सीधे प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचे हैं।
आकाश ज्ञान वाटिका, 11 अगस्त 2022, गुरुवार, नई दिल्ली। न्यायाधीश उदय उमेश ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश होंगे। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश के तौर पर उनके नाम की औपरचारिक घोषणा की गई। ललित के रूप में देश को 49वां मुख्य न्यायाधीश मिलेगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनकी नियुक्ति पर मुहर लगा दी है। दरअसल हाल में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने जस्टिस उदय उमेश ललित के नाम की सिफारिश उनके उत्तराधिकारी के तौर पर की थी। एन.वी. रमना 26 अगस्त 2022 को अपने पद से रिटायर हो रहे हैं। तय परंपरा के मुताबिक तात्कालीन सीजेआई को अपने उत्तराधिकारी के रूप में सुप्रीम कोर्ट के ही सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश के नाम की सिफारिश करनी होती है। इससे पहले कानून मंत्री ने सीजेआई रमना को चिट्ठी लिखकर पूछा था कि उनका उत्तराधिकारी कौन है। जवाब में एनवी रमन्ना ने यूयू ललित के नाम की सिफारिश की थी। जस्टिस उदय उमेश ललित वरिष्ठता क्रम में जस्टिस रमणा के बाद दूसरे स्थान पर आते हैं।
जस्टिस ललित का महज 74 दिन का होगा कार्यकाल
जस्टिस उदय उमेश ललित 27 अगस्त को देश के 49वें सीजेआई के रूप में शपथ लेंगे। हालांकि उनका कार्यकाल महज 74 दिन का ही होगा। सीजेआई के रूप में जस्टिस ललित उस कॉलेजियम का नेतृत्व करेंगे, जिसमें जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस कौल, जस्टिस नजीर और जस्टिस इंदिरा बनर्जी शामिल होंगे। यूयू ललित की बात करें तो उन्होंने 10 जनवरी 2019 को अयोध्या मामले से खुद को अलग कर लिया था। इस अयोध्या मामले की सुनवाई 5 जजों की बेंच कर रही थी, जिसमें यूयू ललित भी शामिल थे। अलग होने के लिए उन्होंने तर्क दिया था कि करीब 20 साल पहले वह अयोध्या विवाद से जुड़े एक आपराधिक मामले में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके थे। ऐसे में वे इस मामले में बतौर जज नहीं रह सकते।
जस्टिस ललित का कार्यकाल 8 नवंबर को खत्म होगा। इसके बाद जस्टिस चंद्रचूड़ सीजेआई के तौर पर नियुक्त होंगे।
विदित रहे कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद रिटायर होते हैं, जबकि देश के 25 हाई कोर्ट (उच्च न्यायालयों) के न्यायाधीशों की रिटायरमेंट की उम्र 62 साल है। न्यायमूर्ति ललित दूसरे ऐसे सीजेआई होंगे, जो बार से सीधे प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट पहुँचे हैं। इससे पहले, न्यायमूर्ति एस.एम.सिकरी मार्च 1964 में बार से सीधे शीर्ष अदालत तक पहुँचे थे और 1971 में देश के 13वें सीजेआई नियुक्त हुए थे।
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