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मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट “सूर्यधार बैराज परियोजना” की विशेष जाँच हेतु सिंचाई मंत्री ने सचिव सिंचाई को दिये लिखित आदेश

आकाश ज्ञान वाटिका, मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020, देहरादून। “सूर्यधार बैराज परियोजना” मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है इसलिए इसके निर्माण में किसी भी तरह की लापरवाही और अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। उक्त बात आज यहाँ प्रदेश के सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने इस परियोजना की सचिव सिंचाई को विशेष जाँच के लिखित आदेश देते हुए कही।

सूर्यधार बैराज के निर्माण से संबंधित शासन द्वारा माँगी गई आख्या पर विभाग द्वारा दिए गए उत्तर का विश्लेषण करने पर पाया गया कि सूर्यधार बैराज के निर्माण में कई स्तर पर गड़बडियाँ हैं जिसकी जाँच हेतु आज सिंचाई मंत्री द्वारा विशेष आदेश दिए हैं।

[box type=”shadow” ]“सलाह अनुबंध करने से पूर्व क्यों नहीं प्राप्त की गई एवं इस सलाह का क्या औचित्य था”  :  सिंचाई मंत्री, सतपाल महाराज

सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने आज भोगपुर स्थिति मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट “सूर्यधार बाँध परियोजना” निर्माण की विशेष जाँच के आदेश देते हुए कहा है कि “1837.34 लाख रूपये की लागत के सापेक्ष 4100 लाख रूपये का अभी तक भुगतान किया जा चुका है। संभवतः अभी और भी किया जाना है।” श्री सतपाल महाराज ने अपने आदेश में कहा कि विचारणीय विषय यह है कि डीपीआर के उपलब्ध होने पर बैराज की ऊँचाई 8 मीटर से 10 मीटर तक किए जाने हेतु समिति की रिपोर्ट 6 सितंबर 2018 को आईआईटी अहमदाबाद से वैट एवं आईआरआई रुड़की से मॉडल स्टडी करवाया गया। इन सबके बावजूद टेंडर को पुनरीक्षित(Revise) कर अनुबंध क्यों नहीं किया गया।

सलाह अनुबंध करने से पूर्व क्यों नहीं प्राप्त की गई एवं इस सलाह का क्या औचित्य था

श्री सतपाल महाराज ने अपने आदेश में यह कहा है कि जिस समिति का उल्लेख किया जा रहा है उसके द्वारा अपनी रिपोर्ट में ऊँचाई बढ़ाने की कहीं भी संस्तुति नहीं की गई है। तकनीकी सलाहकार ने 11 जून 2019 को अतिरिक्त कार्यों को कराने के लिए सलाह दी। यह सलाह अनुबंध करने से पूर्व क्यों नहीं प्राप्त की गई एवं इस सलाह का क्या औचित्य था। श्री सतपाल महाराज ने अपने आदेश में कहा कि सलाहकार को नियुक्त करने के लिए क्या प्रशासन से अनुमति ली गई और उनकी सलाह को मानने से पूर्व कार्यों का तकनीकी परीक्षण कराकर क्या शासन की अनुमति प्राप्त की गई ? यह तमाम कारण हैं जिसके लिए सिंचाई मंत्री ने सूर्यधार बैराज के निर्माण से संबंधित कार्यों की विशेष जाँच के आदेश दिए हैं।

बाजार की दरों को कैसे एवं क्यों सम्मिलित किया

सिंचाई मंत्री ने सचिव सिंचाई को निर्देश दिए हैं कि इस बात की भी जाँच की जाए कि जब अनुबंध पुरानी ऊँचाई 8 मीटर के आधार पर किया गया, बढ़ी हुई ऊँचाई के आधार पर नहीं, जबकि निविदा आमंत्रित करने से पूर्व ही ऊँचाई बढ़ाए जाने का निर्णय लिया जा चुका था, जो कि प्रमुख अभियंता के मौखिक निर्देश के क्रम में हुआ। श्री सतपाल महाराज ने कहा कि विभागीय कार्यों को कराए जाने का आधार विभागीय सेड्यूल ऑफ रेट होता है, बाजार की दरों को कैसे एवं क्यों सम्मिलित किया, वह भी निविदा की लागत का आंकलन करने में स्पष्ट नहीं है। इसलिए इसकी भी जाँच की जाएगी।

[highlight]सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने सचिव सिंचाई को सूर्यधार बैराज निर्माण कार्यों की जाँच के आदेश देते हुए कहा, सेड्यूल ऑफ रेट से 20 प्रतिशत अधिक दर पर सिविल कार्य कराए गये एवं इसी अनुबंध की दर के अंतर्गत ही अतिरिक्त कार्य भी कराए गये, जिसके कारण सम्पूर्ण कार्य लगभग 62.00 करोड़ रूपये का कराया गया, जो कि योजना हेतु स्वीकृत धनराशि 50. 24 करोड़ से लगभग 12 करोड़ रूपये अधिक है। स्वीकृत धनराशि से 12.00 करोड़ रूपये अतिरिक्त धनराशि व्यय किया जाना शासकीय धन का दुरुपयोग है।[/highlight][/box]

उल्लेखनीय है कि सूर्यधार बांध परियोजना से भोगपुर, घमंडपुर व लिस्ट्राबाद के 18 गाँवों की 1287 हेक्टेयर भूमि पर पूरे साल पर्याप्त सिंचाई हो सकेगी। इस जलाशय के निर्माण से लगभग 33500 लोगों को पेयजल की समस्या से निजात मिल पायेगी। ज्ञात हो कि 27 अगस्त 2020 को सूर्यधार बैराज निर्माण परियोजना का सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने स्थलीय निरीक्षण कर परियोजना लागत बढ़ने पर नाराजगी जाहिर करते हुए इसकी जाँच की बात कही थी।

साभार : निशीथ सकलानी, मीडिया प्रभारी, 
श्री सतपाल महाराज, माननीय सिंचाई, पर्यटन
एवं संस्कृति मंत्री, उत्तराखंड सरकार।

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Ghanshyam Chandra Joshi

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