समाज के लिए प्रेरणदायी है सीमा का संदेश
➥ बुजुर्ग लोगों को बोझ समझने वाले समाज के लिए सीमा का संदेश साफ है : “जो किसी की सास है, वह किसी की माँ भी है।”
आयुष्मान कार्ड का लाभ मिला तो सीमा पायल गदगद भाव से राज्य व केंद्र सरकार के साथ ही अस्पताल में मिल रहे सहयोग के लिए उनका आभार प्रकट कर रही हैं और साथ ही साथ लोगों से आयुष्मान कार्ड बनाने की अपील भी कर रही हैं। क्योंकि कार्ड न होने की स्थिति में योजना का लाभ मिलना संभव नहीं है।
आकाश ज्ञान वाटिका, 28 नवम्बर 2021, रविवार, देहरादून। समय में आए बदलाव के साथ ही मानवीय मूल्य भी काफी हद तक बदल गए हैं। हर दिन विघटन की खबरें तनाव पैदा करने वाली होती हैं। सास-बहु का द्वंद तो पुरातन से ही चटखारों के केंद्र में रहा है। लेकिन कई लोग हमारे समाज में ऐसे भी हैं जिनका स्वभाव समाज को प्रेरित करता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायी व्यक्तित्व हैं पौड़ी गढ़वाल की रहने वाली सीमा पयाल। पूरे मनोयोग से वह अस्पताल में भर्ती बीमार सास की तीमारदारी कर रही हैं। अस्पताल में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संचालित आयुष्मान योजना के अंतर्गत उनका नि:शुल्क उपचार हो रहा है।
सीमा पायल बताती हैं कि उनकी सास श्रीमती कमला देवी, जिन्हें रसोली की शिकायत थी। बीमारी के कारण वह काफी परेशान थी। उनका आयुष्मान कार्ड बना हुआ है और एम्स अस्पताल में उनका योजना के तहत उपचार हो रहा है। आयुष्मान कार्ड का लाभ मिला तो वह गदगद भाव से राज्य व केंद्र सरकार के साथ ही अस्पताल में मिल रहे सहयोग के लिए उनका आभार प्रकट कर रही हैं और साथ ही साथ लोगों से आयुष्मान कार्ड बनाने की अपील भी कर रही हैं। क्योंकि कार्ड न होने की स्थिति में योजना का लाभ मिलना संभव नहीं है।
बुजुर्ग लोगों को बोझ समझने वाले समाज के लिए सीमा का संदेश साफ है कि जो किसी की सास है वह किसी की माँ भी है। उनकी सेवा में जो बन सकता है किया जाना चाहिए। संवेदनाओं से भरे इस संदेश के साथ वह जन जागरूकता में भी प्रखर हैं। अपने अनुभवों के आधार पर वह आयुष्मान योजना के लाभ गिनाते हुए कहती है कि हर किसी को आयुष्मान कार्ड बनाना चाहिए, ताकि वक्त पड़ने पर इस योजना का लाभ मिल सके। इसके लिए आयुष्मान मित्र भी तैनात हैं और जगह जगह टॉल फ्री नंबर (155368 / 18001805368) भी लिखे हैं। जहाँ से मदद ली जा सकती है। यह अहम कार्य है, इसमें लापरवाही हुई तो इसे चूक ही कहा जाएगा।
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