“हिंदी दिवस” पर गीत : “भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी” : ‘हलधर’
आकाश ज्ञान वाटिका, 14 सितम्बर, 2020, सोमवार।
“हिंदी दिवस” पर गीत
[highlight]भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी ।
देश में सदभाव का आधार हिंदी ।।[/highlight]
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भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी ।
देश में सदभाव का आधार हिंदी ।।
वेद से पैदा हुई है देव गण के वास जिसमें ।
शान से बोलो लिखो सब छंद के परिभाष इसमें ।
खास है सबके लिए उपहार है हिंदी ।।
भारती के भाल का शृंगार है हिंदी ।।1।।
पर्वतों में गूंजती है सिंधु लहरों में कसी है।
है मधुर वाणी रसीली हिन्द की नस नस बसी है,
हिन्द रूपी नाव की पतवार है हिंदी ।।
भारती के भाल का श्रृंगार है हिंदी ।।2।।
विश्व को बंधुत्व का पैगाम देती आ रही है ।
राष्ट्र के उत्थान को अंजाम देती आ रही है,
लोक का परलोक से व्यवहार है हिंदी ।।
भारती के भाल का शृंगार है हिंदी ।।3।।
राष्ट्र-भाषा देश का अभिमान और पहचान होती ।
सत्य ये “हलधर” न माने कौम वो सम्मान खोती ।
एंगलो के रोग का उपचार है हिंदी ।।
भारती के भाल का शृंगार है हिंदी ।।4।।
साभार: कविवर जसवीर सिंह ‘हलधर’
मो०: 9897346173
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