अली अब्बास द्वारा निर्देशित वेब सीरीज़ ‘तांडव’ पर मचे बबाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
आकाश ज्ञान वाटिका, 27 जनवरी 2021, बुधवार। अली अब्बास द्वारा निर्देशित हाल ही में रिलीज़ हुई वेब सीरीज़ ‘तांडव’ को लेकर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। देश के कई राज्यों में फिल्म का विरोध हो रहा है, वहीं निर्देशक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई जा रही हैं। इन विरोध और विवादों के बीच अमेजन प्राइम इंडिया की प्रमुख अपर्णा पुरोहित, निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा, सीरीज़ के लेखकर गौरव सोलंकी और एक्टर जीशान अयूब ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
ये याचिका उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में की गईं एफआईआर के खिलाफ की गई है। याचिका में देश के अलग-अलग राज्यों में दर्ज की गई एफआईर को रद्द करानी की मांग की गई है। इस याचिका पर आज सुनवाई होनी है। हाल ही में लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में वेब सीरीज ‘तांडव’ के निर्देशक अली अब्बास, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्ण मेहरा, लेखक गौरव सोलंकी और हेड इंडिया ओरिजिनल कंटेंट अमेजन के अपर्णा पुरोहित के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी।
जिसके बाद इस मामले में पूछताछ करने के लिए लखनऊ पुलिस की टीम वेब सीरीज के निर्माता हिमांशु कृष्ण मेहरा, निर्देशक अली अब्बास और लेखक गौरव सोलंकी के घर और ऑफिस पहुंची थी। पुलिस ने तीनों से मुलाकात कर उनसे पूछताछ की और बयान दर्ज किए थे। पुलिस के मुताबिक बयान में तीनों ने वेब सीरीज से लोगों की भावनाएं आहत होने पर माफी भी मांगी थी। आपको बता दें कि ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेजन प्राइम वीडियो पर 16 जनवरी को रिलीज हुई वेब सीरीज ‘तांडव’ को लेकर आरोप है कि सीरीज़ के द्वारा धार्मिक भावनाओं को आहत किया गया है।
तांडव को लेकर सियासी बवाल के बाद निर्माता और निर्देशक अली अब्बास ज़फ़र पहेल ही एक माफ़ीनामा जारी कर चुके हैं। अली ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट जारी करते हुए लिखा था, ‘हम तांडव वेब सीरीज़ को मिल रही दर्शकों की प्रतिक्रियाओं को नज़दीकी से देख रहे हैं और आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ विमर्श के दौरान उन्होंने हमें बड़ी तादाद में आ रही उन शिकायतों और याचिकाओं के बारे में बताया, जिनमें लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की बातें कही गयी हैं’।
‘तांडव एक काल्पनिक कहानी है और किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता महज़ एक संयोग है। कास्ट या क्रू का किसी व्यक्ति, जाति, समुदाय, मज़हब, आस्था, राजनीतिक पार्टी या ज़िंदा या मृत व्यक्ति की भावनाओं को चोट पहुंचाने या अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। कास्ट और क्रू सभी लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए बिना शर्त माफ़ी मांगते हैं’। अली ने अपने पोस्ट में ये भी साफ कर दिया था कि जिन हिस्सों पर आपत्ति जतायी गयी है, उन्हें बदल दिया जाए’।
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