उत्तराखंड में शहीदों के आश्रितों को सरकारी नौकरी व 25-25 लाख की मदद
देहरादून। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को आतंकी हमले में सीआरपीएफ जवानों की शहादत से उत्तराखंड में भी शोक और गुस्से का माहौल है। इस हमले में उत्तराखंड के भी दो जवान शहीद हुए हैं। शहीदों के सम्मान में राज्य विधानसभा में शुक्रवार को बजट पेश नहीं किया गया और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। अब वित्त मंत्री प्रकाश पंत सोमवार 18 फरवरी को बजट पेश करेंगे। कैबिनेट की बैठक भी स्थगित कर दी गई। मुख्यमंत्री ने शनिवार के अपने सभी कार्यक्रम रद कर दिए हैं। प्रदेश सरकार ने राज्य के दोनों शहीदों के एक-एक आश्रित को सरकारी नौकरी और 25-25 लाख रुपये की आर्थिक मदद की घोषणा की है।
सैन्य बहुल उत्तराखंड में पुलवामा हमले के बाद प्रदेशभर में गम और गुस्से का माहौल है। जगह-जगह आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए तो कैंडल मार्च व सभाओं के जरिये शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। साथ ही केंद्र सरकार से मांग की गई कि हमले का बदला लेने के लिए वह आतंकवाद और पाकिस्तान को मुहंतोड़ जवाब दे।
राज्य विधानसभा भी इससे अछूती नहीं रही। बजट सत्र के दौरान शुक्रवार को सदन ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। साथ ही केंद्र से आग्रह किया गया कि वह आतंकवाद का फन कुचलने को तुरंत प्रभावी कदम उठाए।
इसके बाद शहीदों के परिवारों के दुख में शामिल होते हुए शहीदों के सम्मान में सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सत्र में शुक्रवार को वर्ष 2019-20 का बजट पेश किया जाना था, जो अब सोमवार को पेश होगा। इसके अलावा शाम को होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक भी स्थगित कर दी गई।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रस्ताव पर सभी विधायकों ने शहीदों के परिजनों की सहायता के लिए एक माह का वेतन सीआरपीएफ कल्याण कोष देने का निर्णय लिया है। शाम को सरकार ने एक और कदम उठाते हुए पुलवामा हमले में शहीद हुए उत्तराखंड के दो जवानों मोहनलाल और बीरेंद्र राणा के एक-एक आश्रित को शैक्षिक योग्यतानुसार सरकारी नौकरी और परिजनों को 25-25 लाख की आर्थिक मदद का एलान किया। मुख्यमंत्री रावत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सरकार दोनों शहीदों के परिवार के साथ खड़ी है।
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