सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी रचनाओं से जनता को जागरूक कर रहे हैं लोक गायक व कवि
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की ‘चुनौ कु चक्कर’ कविता मचा रही धूम
आकाश ज्ञान वाटिका, 22 जनवरी 2022, शनिवार, देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। चुनाव जीतने के लिए एक बार फिर से नेता गांव-गांव जाकर आमजन से संपर्क कर अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। वहीं, लोक गायक व कवि अपनी सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए अपनी रचनाओं से जनता को जागरूक कर रहे हैं। चुनाव में नेताओं के दल बदलने पर व्यंग्य करती लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की गढ़वाली कविता ‘चुनौ कु चक्कर’ इंटरनेट मीडिया पर इन दिनों खूब वायरल हो रही है। इसके अलावा कई युवा लोक कलाकार भी चुनाव को लेकर गीत तैयार कर रहे हैं। युवा लोकगायक सौरव मैठाणी के अनुसार, उन्होंने चुनाव में आमजन को जागरूक करने वाले चार गीत तैयार किए हैं। जिन्हें अगले सप्ताह तक यूट्यूब के माध्यम से श्रोताओं तक पहुंचाया जाएगा। इसके पीछे उनका उद्देश्य मताधिकार के लिए आमजन को जागरूक करना है। साथ ही सोच समझकर सही प्रत्याशी का चुनाव करने की सलाह दी जा रही है।
लोकगायक ओम बधाणी का कहना है कि प्रत्येक नागरिक को वोट देने का अधिकार है। चुनाव के इस दौर में कोई भी धनबल, बाहुबल के लालच में न आए। इसके लिए वह गीतों के माध्यम से जागरूकता का संदेश दे रहे हैं। इसके लिए हाल ही में उन्होंने ‘ऐगे चुनौ’ गीत रिलीज किया है।
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी की ‘चुनौ कु चक्कर’ कविता मचा रही धूम
लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी ने नेताओं के इस दल से उस दल में जाने पर व्यंग्य करती हुई कविता ‘चुनौ कु चक्कर’ इंटरनेट मीडिया के जरिये बीते दिनों श्रोताओं के सामने प्रस्तुत की। यह कविता इन दिनों लोग खूब पसंद कर रहे हैं। चार दिन में इस कविता को इंटरनेट मीडिया पर एक लाख 26 हजार से अधिक व्यूज मिल चुके हैं। बीते बुधवार को ‘कमेरा म्वारा’ के गीत रिलीज होने के बाद नरेंद्र सिंह नेगी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से श्रोताओं से रूबरू हुए। श्रोताओं ने उनसे चुनाव को लेकर गीत तैयार करने का अनुरोध किया। नेगी ने कहा कि नेताओं पर उन्होंने व्यंग्य करते हुए, कुछ कविताएं तैयार की हैं।
इन्हें समय-समय पर श्रोताओं तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। कहा कि जो वर्तमान में स्थिति है, जिस तरह से नेता एक दल से दूसरे दल में भाग रहे हैं, टिकट न मिलने की संभावना पर नेताओं में भागदौड़ मची है। इस स्तर के नेताओं से दुख जरूर होता है। हम वोट के माध्यम से बहुत कुछ कर सकते हैं। ऐसे नेताओं को ध्यान में रखते हुए ईमानदार, विकास कार्यों को लेकर संघर्ष करने वाले की पहचान कर उसे वोट दें।
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