रिपब्लिकन पार्टी आफ इण्डिया (अठावले) की धामी सरकार से पाँच बड़ी माँगें

प्रदेश अध्यक्ष सेठ पाल सिंह बोले माँगें नहीं मानी तो होगा जनआंदोलन
आकाश ज्ञान वाटिका, 16 दिसम्बर 2022, शुक्रवार, देहरादून। उत्तराखंड की धामी सरकार बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर पहले ही विपक्ष के निशाने पर थी। वहीं अब इसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, यूकेडी के बाद एक और पार्टी का नाम जुड़ गया है और यह नाम है रिपब्लिकन पार्टी आफ इण्डिया (अठावले) का। केन्द्र में मोदी सरकार में शामिल यह पार्टी उत्तराखंड में भाजपा की सरकार से जनहित के मुद्दों पर दो-दो हाथ की तैयारी में है। जी हाँ मोदी सरकार में रिपब्लिक पार्टी आफ इंडिया-ए के प्रमुख रामदास अठावले केन्द्र सरकार में केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री हैं।
राज्य के जनहित से जुड़े मुद्दों पर पार्टी ने कड़ा रूख अख्तियार किया है। रिपब्लिकन पार्टी आफ इण्डिया (अठावले) उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष सेठ पाल सिंह मीडिया से बातचीत में कहा कि सरकार में हर वर्ग परेशान दिखाई दे रहा है। उन्होंने सरकार से 5 बड़ी करते हुए कहा कि अगर इन पर कार्रवाई नहीं की गई तो राज्य में बड़ा जन आंदोलन होगा।
❶ उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष सेठ पाल सिंह ने अपनी पहली माँग में प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिन्ता व्यक्त करते हुए इसे जल्दी से जल्दी दुरस्त करने की माँग की।
❷ उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष सेठ पाल सिंह ने अपनी दूसरी माँग में भूमिहीन जो वर्षाे से वन विभाग की भूमि पर काबिज है उन्हें भूमि दी जाय एवं खत्तों में रहने वाले निवासियों को बिजली पानी आवास शौचालय की सरकारी सुविधा प्रदान की जाय।
❸ अपनी तीसरी माँग में प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और महगाई पर चिन्ता व्यक्त करने के साथ इसे दूर करने का प्रदेश सरकार से माँग की।
❹ अपनी चौथी माँग में छोटे व्यवसायियों एवं कर्जदार जिनके पास रूपये 50000/- से 500000/- रूपये तक का लोन है उसे सरकार तुरन्त माफ करने को कहा।
❺ इसके साथ ही उत्तराखण्ड के प्रदेश अध्यक्ष सेठ पाल सिंह ने अपनी पाँचवीं माँग में छोटे व्यापारियों के लिए सरकार जी०एस०टी० में छूट का प्रावधान करें।
अब देखना है सरकार रिपब्लिकन पार्टी आफ इण्डिया (अठावले) की पाँच सूत्रीय माँगों पर कितना गौर करती है।
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