दून निवासी दीप्ति पंत पहले समीक्षा अधिकारी बनी और अब बनेंगी जज
आकाश ज्ञान वाटिका। असफलता ही सफलता की सीढ़ी है। कहा गया है कि असफलता से व्यक्ति को अनुभव होता, बुद्धिमत्ता बढ़ती है और यही सफलता की नींव है। दून के नत्थुवाला निवासी दीप्ति पंत ने इस बात को चरितार्थ कर दिया है। उन्होंने पीसीएस (जे) परीक्षा में आठवीं रैंक हासिल की है। वह इससे पहले भी तीन बार पीसीएस (जे) अटेम्प्ट कर चुकी हैं। पर अंतिम पायदान तक आकर असफल हो गई। पर जिंदगी के तमाम उतार चढ़ाव के बाद भी वह पूरी शिद्दत से अपने सपने को पूरा करने में जुटी रहीं। हाल में सचिवालय में बतौर समीक्षा अधिकारी तैनात दीप्ति ने आखिर अपनी मंजिल पा ली है।
दीप्ति ने बताया कि उनका परिवार मूल रूप से ग्राम पिलंग जनपद चमोली का रहने वाला है। उनकी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गोपेश्वर से हुई। इसके बाद गवर्नमेंट लॉ कॉलेज गोपेश्वर से एलएलबी किया। वह दो बार उत्तराखंड व एक बार यूपी पीसीएस (जे) चुकी हैं पर सलेक्शन नहीं हुआ। इस बार उन्होंने परीक्षा में आठवीं रैंक हासिल की। वर्ष-2017 से वह सचिवालय में बतौर समीक्षा अधिकारी काम कर रही हैं।
उनके पिता ओमप्रकाश पंत वित्त एवं लेखा विभाग से डिप्टी डायरेक्टर रिटायर हैं। जबकि मां शोभा पंत गृहणि हैं। उनके भाई मनीष पंत नगर निगम देहरादून में आइटी ऑफिसर हैं। दीप्ति कहती हैं कि भाग्य बहादुर का समर्थन करता है और बहादुर वह है जो आगे बढ़ता जाता है, अपनी विफलताओं पर काबू पाता है और लक्ष्य को प्राप्त करता है।
148 total views, 1 views today