सराहनीय पहल : आयुध निर्माणी विद्यालय देहरादून के पूर्व छात्र-छात्रायें रचने जा रहे हैं इतिहास, पढ़िए पूरी ख़बर
आकाश ज्ञान वाटिका, 3 सितम्बर 2021, शुक्रवार, देहरादून। 5 सितम्बर 2021 को आयुध को आयुध निर्माणी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के पूर्व छात्र-छात्राओं द्वारा “ऐतिहासिक शिक्षक दिवस” मनाया जा रहा है। जिसमे वर्ष 1960 से लेकर वर्ष 2020 में स्कूल पास आउट हुए पूर्व छात्र छात्राओं द्वारा अपने भूतपूर्व स्कूल व अपने शिक्षकों के सम्मान में भारत वर्ष छात्र छात्रायें एकत्रित होंगे।
यह अपने आप में भारत का पहला ऐसा शिक्षक दिवस है जो कि ऐतिहासिक होने जा रहा है । इसके विषय में आयुध निर्माणी पूर्व छात्र ग्रुप बनाने वाले एडमिन आरिफ खान ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ये अपने आप में ऐसा अनोखा विषय है जिसके बारे में सोचते तो सब होंगे किन्तु अपने व्यस्त जीवन से समय निकाल कर उस पर अमल करने का साहस अभी तक शायद ही किसी ने किया हो।
आरिफ खान के अनुसार एक मित्र के कहने पर जब वो अपने पूर्व क्लासमेट साथियों मनिन्दर साही और अनूप भट्ट के साथ 07 अगस्त को अपने पूर्व स्कूल पहुँचे जिस से वो और उनके साथी 28-30 वर्ष पूर्व हाई स्कूल के बाद छोड़ चुके थे। उन्हे वर्तमान प्रधानचार्य से जानकारी हुई कि अब बच्चों की संख्या कम होने के कारण शायद स्कूल बंद होने की आशंका है।
इस सम्बंध में सुनकर सबको बहुत अफसोस हुआ और उन्होंने निर्णय लिया कि चाहे कुछ भी हो जाये वो सभी साथी मिलकर अपने पूर्व स्कूल को बचाने का भरकस प्रयास करेंगे। जिसके लिए उन्होंने पूरे स्कूल की एक वीडियो बनाई और उसे फेसबुक और व्हाट्सएप पर ग्रुप बनाकर वायरल कर दी देखते ही देखते यह वीडियो इतनी वायरल हुई और ग्रुप में उस स्कूल से पास आउट हुए पूर्व छात्र-छात्राओं ने जुड़ना शुरू कर दिया। आज इस ग्रुप में देश-विदेश मे रह रहे वर्ष 1958 से लेकर 2020 तक के पूर्व छात्र-छात्रायें जुड़ चुके हैं ।
चूंकि इस स्कूल और यहां के शिक्षकों ने उनको अक्षर ज्ञान देकर आज इस मुकाम तक पहुँचाया है। अतः मन में विचार आया कि क्यूँ न इस साल 05 सितंबर 2021 को अपने पूर्व स्कूल के शिक्षकों को सम्मानित करके शिक्षक दिवस मनाया जाए, जिसके लिए 18 अगस्त को अपने मन की बात ग्रुप में रखी गयी तो मात्र 18 साथियों ने ही इसके लिए अपनी सहमति प्रदान करि किन्तु अपने ध्रण निश्चय को जब सबके समक्ष रखा और इस कार्यक्रम के लिए एक स्वैछिक सहियोग राशि रखी तो फिर क्या था जब नियत अच्छी होती है तो मंजिल भी आसान हो जाती है फिर देखते ही देखते सम्पूर्ण भारत से जहां जहां भी आयुध निर्माणी विद्यालय से पढ़े छात्र थे उन्होने अपनी सहमति और सहियोग राशि भेजनी शुरू कर दी।
आज इस कार्यक्रम के लिए जो अनुमानित साथी और लक्ष्य रखा था उस से कहीं अच्छा रिस्पॉन्स मिलने से न सिर्फ सभी पूर्व छात्रों का मनोबल बढ़ा है अपितु कार्यक्रम को सफल बनाने की ऊर्जा भी मिली है ।
पत्रकार वार्ता करने वाले पूर्व छात्र-छात्राओं ने बताया कि यह अपनी तरह का पहला ऐसा शिक्षक दिवस होगा जो कि 50-60 साल पहले स्कूल छोड़ चुके छात्रों द्वारा किया जा रहा है जिसमे मोक्ष प्राप्त कर चुके शिक्षकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी व उनके परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही रिटायर्ड व वर्तमान शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाएगा कार्यक्रम में आयुध निर्माणी देहरादून के महाप्रबंधक व जिलाधिकारी देहरादून को मुख्य अतिथि के रूप में निमन्त्रित किया गया है।
इस पहल से न सिर्फ स्कूल को बंद होने से बचाने में मदद मिलेगी बल्कि आने वाली पीढ़ी का भी अपने स्कूल और गुरुजनों के प्रति प्रेम और सम्मान बढेगा और हो सकता है उनके इस प्रयास को देख कर अन्य राज्यों में भी ये गुरुप्रथा शुरू हो जाये।
पत्रकार वार्ता में आयुध निर्माणी विद्यालय के पूर्व छात्रों में पद्मिनी मेहरा, पुष्पा थपलियाल बडोनी, राधा बिष्ट, मनिन्दर साही, कवीन्द्र सेमवाल, नमित पराशर, अजय थापा, अनूप भट्ट, राकेश बुधोरी आरिफ खान इत्यादि शामिल रहे।
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