आतंकी हमले में देवरिया के जवान संतोष यादव हुए शहीद, शव यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
आकाश ज्ञान वाटिका, 21 फरवरी 2022, सोमवार, देवरिया। दक्षिण कश्मीर के शोपियां में आतंकी हमले में बलिदान सेना के जवान संतोष यादव का पार्थिव शरीर सोमवार सुबह करीब दस बजे पार्थिव शरीर गांव पहुंचा था, जहां स्वजन व ग्रामीण मुख्यमंत्री को बुलाने की मांग पर अड़े थे। बलिदानी का पार्थिव शरीर दरवाजे के सामने रखकर स्वजन के साथ ग्रामीण विरोध जता रहे थे। डीएम और एसपी डाॅ० श्रीपति मिश्र के समझाने पर मान गए।
मदनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम टड़वा में सोमवार की सुबह से ही बलिदानी सन्तोष यादव के दरवाजे पर लोगों का हुजूम जुटने लगा। जहां हर आंख नम थी तो दिल मे आतंकियों की कायराना हरकत से आक्रोश था। शुक्रवार को जम्मू के रायगढ़ में राष्ट्रीय रायफल में तैनात जवान सन्तोष यादव को शोपियां में सर्च ऑपरेशन के दौरान धोखे से आतंकियों ने गोली मार दी। इलाज के दौरान वीर गति को प्राप्त जवान का पार्थिव शरीर सोमवार को उसके पैतृक गांव आने की सूचना पर हजारों की संख्या में लोग बलिदानी के दरवाजे पर जुट गए।
मौके पर पहुंचे राज्य मंत्री जयप्रकाश निषाद ने बलिदानी के पिता शेषनाथ यादव की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात कराई। मुख्यमंत्री ने चुनाव आचार संहिता की वजह से आने में असमर्थता जताई। जिसके बाद स्वजन सहित ग्रामीणों ने उनके आने तक पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार से इन्कार कर दिया। राज्य मंत्री व एडीएम प्रशासन कुंवर पंकज उन्हें मनाने की कोशिश की। राज्यमंत्री जय प्रकाश निषाद को भी भीड़ के विरोध का सामना करना पड़ा। कुछ देर बार राज्य मंत्री निषाद वापस लौट गए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से वार्ता व अधिकारियों के समझाने के बाद स्वजन मान गए। दोपहर करीब ढाई बजे पार्थिव शरीर को पैतृक गांव टड़वा से बरहज स्थित सरयू घाट के लिए रवाना हो गए। प्रदेश सरकार की तरफ से स्वजन को 50 लाख रुपये की धनराशि दी गई। जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने 35 लाख का चेक पत्नी धर्मशीला व 15 लाख का चेक बलिदानी के पिता शेषनाथ यादव को सौंपा।
बलिदानी सन्तोष यादव के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के लिए रुद्रपुर के सतासी इंटर कालेज के मैदान में विशाल जन समूह उपस्थित रहा। जहां एनसीसी के कैडेट्स ने पुष्पांजलि के साथ ही सलामी दिया। जहां से पार्थिव शरीर के साथ लोगों का विशाल हुजूम देश भक्ति के नारे लगाते हुए पैतृक गांव को प्रस्थान किया। बलिदानी संतोष यादव के शव यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। तिरंगा के साथ निकली यात्रा में नारे से वातावरण गुंजायमान हो रहा था। लोगों के भीतर पाकिस्तान के प्रति आक्रोश था। लोग पाकिस्तान से बदला लेने की मांग कर रहे थे।
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