देश को मिला “राष्ट्रीय युद्ध स्मारक”, इंडिया गेट पर लगेगी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति
आकाश ज्ञान वाटिका, 21 जनवरी 2022, शुक्रवार, नई दिल्ली। लम्बे इंतज़ार के बाद सैनिकों के लिए आज का दिन बहुत ही गौरव एवं सम्मान का दिन है। इस ऐतिहासिक दिन के इंतज़ार में देश के सैनिक यह उम्मीद लगाए बैठे थे कि वह दिन कब आएगा जब स्वत्रंत भारत का अपना राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) होगा। आज इंडिया गेट पर 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति की लौ को पुरे सैन्य सम्मान के साथ एक समारोह के दौरान राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिलाया गया। कुछ दिन पहले देश के अलग-अलग हिस्सों से आई स्वर्णिम विजय वर्ष की मशाल को भी राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की मशाल में मिलाया गया था।
विदित रहे कि सन 1921 में अंग्रेजों ने प्रथम विश्वयुद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए 90 हजार सैनिकों की याद में इंडिया गेट को बनवाया था। इन सैनिकों में से करीब 13 हजार के नाम भी इंडिया गेट पर लिखे हुए हैं।
सैनिकों एवं देशवासियों की भावनाओं को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में राष्ट्र की सत्ता संभालने के पश्चात् इंडिया गेट के समीप राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) बनाने का आदेश दे दिया। लकगभग 5 साल बाद अर्थात फरवरी 2019 में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनकर तैयार हो गया जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। सैनिकों के साथ-साथ समूचे राष्ट्र के लिए यह दिन एक ऐतिहासिक दिन बना।
यहाँ यह भी जानना आवश्यक है कि बड़े लंबे समय से यह माँग चल रही थी कि देश में आजादी के बाद अलग-अलग युद्ध और काउंटर इनसर्जेंसी और काउंटर टेरेरिज्म ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के लिए एक अलग राष्ट्रीय स्मारक बनाया जाए। सैनिकों एवं देशवासियों की भावनाओं को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में राष्ट्र की सत्ता संभालने के पश्चात् इंडिया गेट के समीप राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) बनाने का आदेश दे दिया। लकगभग 5 साल बाद अर्थात फरवरी 2019 में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक बनकर तैयार हो गया जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया। सैनिकों के साथ साथ समूचे राष्ट्र के लिए यह दिन एक ऐतिहासिक दिन बना।
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) इंडिया गेट के दूसरी तरफ 400 मीटर की दूरी पर बनाया गया है जहाँ 25,942 सैनिकों के नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखे गए हैं। इस युद्ध स्मारक में 1947-48 के युद्ध से लेकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष तक शहीद हुए सैनिकों के नाम के साथ ही आतंकवादी विरोधी अभियान में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम भी अंकित गए हैं।
जाने पर कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है लेकिन देश के सैनिकों का उत्साह बढ़ा है और अपने आप को सम्मानित महसूस कर रहे हैं। अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय किए जाने के फैसले पर मचे विवाद के बीच पीएम मोदी ने बड़ा एलान किया है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य मूर्ति लगाई जाएगी। पीएम ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा कि ऐसे समय जब पूरा देश नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती मना रहा है, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ग्रेनाइट से बनी उनकी भव्य प्रतिमा इंडिया गेट पर स्थापित की जाएगी। यह उनके प्रति भारत के ऋणी होने का प्रतीक होगा।
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब तक नेताजी की भव्य प्रतिमा का काम पूरा नहीं हो जाता है , तब तक उनकी होलोग्राम प्रतिमा उसी स्थान पर मौजूद रहेगी। मैं नेताजी की जयंती 23 जनवरी को होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करूंगा।
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज घोषणा की है कि नई दिल्ली के प्रतिष्ठित इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। महान नेताजी को एक उचित श्रद्धांजलि है, जिन्होंने भारत की आजादी के लिए सब कुछ दिया।” : गृह मंत्री अमित शाह
“नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगने से भारत की जनता और भावी पीढ़ियों के मन में राष्ट्रप्रेम, स्वाभिमान और पराक्रम की प्रेरणा जाग्रत होगी तथा देश की आजादी बनाए रखने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने की भावना प्रज्ज्वलित होगी। प्रधानमंत्री जी को इस निर्णय के लिए बधाई एवं धन्यवाद।” : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
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