मंगलवार गोरखपुर आयेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ, अष्टमी को करेंगे महानिशा पूजन
- विभिन्न कार्यक्रमों में होंगे शामिल
- अष्टमी को महानिशा पूजन करेंगे
- नवमी पर पखारेंगे नौ कन्याओं को पांव
- विजयदशमी के दिन सुबह से शुरू हो जाएगा आयोजन का सिलसिला
- विजय जुलूस का आकर्षण : अस्त्र-शस्त्र के साथ युवाओं का करतब
- तिलक और संबोधन के बाद गोरखनाथ मंदिर लौटेगा विजय जुलूस
आकाश ज्ञान वाटिका, 12 अक्टूबर 2021, मंगलवार, गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को गोरखपुर आएंगे। मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर में रात्रि विश्राम करेंगे। बुधवार को वह विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री मंगलवार की शाम को कुशीनगर से गोरखपुर पहुंचेंगे। गोरखनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद रात्रि विश्राम करेंगे। बुधवार को दोपहर 12 बजे जंगल कौड़िया में बने महंत अवेद्यनाथ राजकीय महाविद्यालय एवं ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की कांस्य प्रतिमा का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री यहां जनसभा को भी संबोधित करेंगे। उसी दिन शाम को मुख्यमंत्री कालीबाड़ी मंदिर में पर्यटन विकास योजना के अंतर्गत कराए गए विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर जाएंगे।
मुख्यमंत्री योगी अष्टमी को महानिशा पूजन करेंगे, नवमी पर पखारेंगे नौ कन्याओं को पांव
अष्टमी के दिन महानिशा पूजा और नवमी के दिन कन्या पूजन के बाद वह विजयदशमी को गोरखनाथ मंदिर से निकलने वाले विजय जुलूस की अगुवाई करेंगे। मानसरोवर रामलीला मैदान में भगवान राम के तिलक के बाद शारदीय नवरात्र की प्रतिपदा से लेकर विजयदशमी तक चलने वाला अनुष्ठान सम्पन्न होगा।
नवरात्र की प्रतिपदा को गोरखनाथ मंदिर के शक्तिपीठ में कलश स्थापना के बाद परंपरागत पूजा का दायित्व मंदिर के प्रधान पुजारी कमलनाथ को सौंपने के बाद मुख्यमंत्री शासकीय दायित्व के निर्वहन के लिए लखनऊ चले गए थे। विजयदशमी तक के आयोजन को अपने हाथों से सम्पन्न कराने के लिए नवरात्र की अष्टमी तिथि यानी 13 अक्टूबर को फिर मंदिर पहुंच रहे हैं। अष्टमी की रात वह मंदिर के शक्तिपीठ में महानिशा पूजन और हवन से अष्टमी पूजा का समापन करेंगे। नवमी तिथि यानी 14 अक्टूबर की सुबह मंदिर में कन्या पूजन का आयोजन हाेगा, जिसमें गोरक्षपीठाधीश्वर मां भगवती की प्रतीकस्वरूप नौ कन्याओं के पांव पखारकर उनका पूजन करेंगे और फिर अपने हाथ से उन्हें भोजन कराएंगे। इस पूजा में बटुक भैरव के रूप में एक बालक की मौजूदगी भी रहेगी।
15 अक्टूबर विजयदशमी के दिन सुबह से शुरू हो जाएगा आयोजन का सिलसिला
विजयदशमी यानी 15 अक्टूबर को मंदिर में पूजन का सिलसिला सुबह से ही शुरू हो जाएगा। गोरक्षपीठाधीश्वर सुबह नौ बजे सबसे पहले श्रीनाथ जी का पूरे विधि-विधान से पूजन करेंगे। इसी क्रम में योगी सभी देव-विग्रहों और नाथ योगियों की पूजा भी करेंगे। दोपहर एक से तीन बजे तक तिलकोत्सव का आयोजन होगा। शाम चार बजे गोरक्षपीठाधीश्वर का विजय रथ मानसरोवर मंदिर के लिए रवाना होगा। कोविड प्रोटोकाल के बीच इस विजय जुलूस की भव्यता बरकरार रहे, इसकी तैयारी मंदिर प्रबंधन ने कर ली है। इसके लिए जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है।
विजय जुलूस का आकर्षण : अस्त्र-शस्त्र के साथ युवाओं का करतब
विजय जुलूस का आकर्षण हमेशा की तरह परंपरागत अस्त्र-शस्त्र के साथ शामिल युवा होंगे, जो करतब दिखाते हुए चलेंगे। जुलूस का समापन मानसरोवर मंदिर पहुंचकर होगा। जहां पहुंचने के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर सबसे पहले शक्ति की आराधना करेंगे। इसी क्रम में वह रामलीला मैदान पहुंचकर भगवान श्रीराम का तिलक करेंगे और फिर मौजूद जनसमूह को संबोधित करेंगे। गोरखनाथ मंदिर के मीडिया प्रभारी विनय गौतम के मुताबिक इस कार्यक्रम का मंदिर के इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से आनलाइन प्रसारण किया जाएगा।
तिलक और संबोधन के बाद गोरखनाथ मंदिर लौटेगा विजय जुलूस
तिलक और संबोधन के बाद विजय जुलूस गोरखनाथ मंदिर लौटेगा, जहां गोरक्षपीठाधीश्वर की ओर से सहभोज का आयोजन किया जाएगा, जिसमें शहर के गण्यमान्य लोगों के साथ-साथ आमजन भी हिस्सा लेंगे। सहभोज का उद्देश्य समतामूलक समाज का निर्माण होता है, जो नाथ पीठ की प्राथमिकता है।
विजयदशमी की रात में ही मंदिर में पात्र पूजा का आयोजन होगा, जिसमें गोरक्षपीठाधीश्वर साधु-सतों के आपसी विवादों के समाधान के लिए दंडाधिकारी की भूमिका का निर्वहन करेंगे।
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