मुख्यमंत्री ने हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में किया प्रतिभाग
आकाश ज्ञान वाटिका, गुरुवार, 8 अक्टूबर 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पटेलनगर स्थित हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के तृतीय दीक्षांत समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने छात्र-छात्राओं को उपाधियाँ प्रदान की। विश्वविद्यालय द्वारा सत्र 2019-20 के कुल 922 अभ्यर्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गई। इस अवसर पर संजय गाँधी पी.जी.आई.एम.एस. लखनऊ के न्यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष (पद्मश्री) प्रो० सुनील प्रधान, एम्स जोधपुर के निदेशक प्रो० संजीव मिश्रा, भूतपूर्व कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा, उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो० सौदान सिंह एवं एम्स नई दिल्ली के चिकित्सा अधीक्षक डॉ० डी.के. शर्मा को ‘‘डी एस सी’’ की मानद उपाधि दी गई। चिकित्सा क्षेत्र में श्रेष्ठ शोध पत्र के लिए डॉ० प्रियंका चौरसिया, डॉ० स्मृति, डॉ० प्रेरणा सिंह एवं डॉ० दीपिका लोहानी को प्रो० (डॉ०) एन.सी. पंत पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० हेम चन्द्र द्वारा लिखी गई पुस्तक ‘‘हेल्थ केयर डिलीवरी सिस्टम इन इंडिया’’ का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन पर्यन्त सीखने की प्रक्रिया है। इन विद्यार्थियों को अब एक नये जीवन की शुरूआत करनी है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने 6 वर्षों में राज्य में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कई गुणात्मक कार्य किये हैं, यह टीम वर्क का एक अच्छा उदाहरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 पूरे विश्व के लिए चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। कोरोना महामारी ने मानव जीवन को काफी प्रभावित किया। कोविड-19 से लड़ने के लिए हमारे सामने एक बड़ी चुनौती है। इस महामारी से लड़ने के लिए हमारे चिकित्सकों की सबसे अहम भूमिका रही है। लोगों की जीवन रक्षा के लिए देश में सैकड़ो चिकित्सकों ने अपने प्राणों की आहुति दी। चिकित्सकों के प्रयासों के परिणामस्वरूप इस कोरोना काल में सभी लोग आशावादी जीवन जी रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए राज्य सरकार ने व्यापक स्तर पर जन जागरूकता अभियान चलाया है। इसके लिए अपने अनुभवों को साझा करने के लिए एवं इससे बचाव हेतु लोगों से सुझाव भी माँगे गये हैं। समाज के प्रबुद्ध लोगों, चिकित्सकों, कोरोना वॉरियर्स, कारोना विनर्स एवं अन्य लोग अपने अनुभवों को विभिन्न माध्यमों से साझा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी एडवांस सोचती है और उनका कार्य करने का तरीका भी नया होता है। उन्हें अपने विचारों को विभिन्न माध्यमों से जरूर व्यक्त करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में चिकित्सकों ने देवदूत की भूमिका निभाई है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में सरकार बनने के बाद हमने स्वास्थ्य सुविधाओं को पहली प्राथमिकता में रखा। वर्ष 2017 तक राज्य में केवल एक हजार डॉक्टर थे। अभी प्रदेश में 2500 डॉक्टर हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में चिकित्सकों को भेजा गया है। 3 मेडिकल कॉलेज राज्य में चल रहे हैं, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज भी जल्द चालू हो जायेगा। भारत सरकार द्वारा राज्य के लिए 3 मेडिकल कॉलेज और स्वीकृत किये गये हैं। सबको बेहतर स्वास्थ्य सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए हमें और चिकित्सकों की आवश्यकता है। प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना शुरू की गई। इससे प्रदेश के सभी 23 लाख रूपये परिवारों को सुरक्षा कवच दिया है।
इस अवसर पर कुलपति हेमवती नन्दन बहुगुणा उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो० हेम चन्द्र, सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी, प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ० पंकज पाण्डेय, निदेशक चिकित्सा शिक्षा श्री युगल किशोर पंत आदि उपस्थित थे।
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