मुख्यमंत्री योगी ने बलिदान दिवस पर जिला कारागार से ऐतिहाससिक जुलूस को दिखाई हरी झंडी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुलिस लाइन में आयोजित जनसभा को किया संबोधित
आकाश ज्ञान वाटिका, 19 अगस्त 2022, शुक्रवार, बलिया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलिया बलिदान दिवस पर शुक्रवार को 9.45 बजे पहुंचे। इस दौरान वह यहां करीब एक घंटे तक मौजूद रहे और जिला कारागार से ऐतिहासिक जुलूस को हरी झंडी दिखाई। इसके बाद पुलिस लाइन में जनसभा को संबोधित करने भी पहुंचे। दरअसल 19 अगस्त 1942 को बलिया पूरे देश से पांच साल पहले ही स्वतंत्र हो गया था। इस लिहाज से यह बलिया जिले की 81वीं आजादी की वर्षगांठ है। पहली बार ऐसा होगा जब बलिया के लोगों के लिए इस बेहद गौरवशाली दिन मुख्यमंत्री स्वयं मौजूद रहे।
बलिया जिले के इतिहास में इस दिन को आजादी का दिन के तौर पर मनाया जाता रहा है। वर्ष 1942 में जिला देश से पांच साल पहले आजाद हो गया था। उसकी यह बलिया जिले की 81वीं वर्षगांठ है। मुख्यमंत्री के आगमन की तैयारी सुबह से ही चलती रही। कुंवर सिंह डिग्री कालेज के मैदान में हैलीपैड का कार्य एक दिन पूर्व गुरुवार की शाम तक पूरी कर ली गई थी। सभी महापुरुषों के स्मारकों की भी रंगाई-पोताई का कार्य चल रहा था। जिला कारागार और पुलिस लाइन में भी तैयारी सुबह भी होती रही।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि क्रांतिकारियों की धरती को कोटि कोटि नमन है। बलिया का अपना इतिहास है। बलिया के लिए शासन का कोई महत्व नहीं होता। आजादी के बाद देश के विकास के लिए अनुशासन बलिया ने दिखाया है। यह ऋषि मुनियों की धरती है। पांच साल से मेडिकल कालेज के जमीन मांग रहा हूं लेकिन मिल नहीं रही है। तीन साल पहले भी यह काम हो जाना चाहिए था। मुख्य सचिव को आज इसी काम के लिए साथ लेकर आया हूं। आज मेडिकल कालेज की सौगात देकर जाऊंगा। मंगल पांडेय की धरती पर आकर मैं अभिभूत हूं। वह लड़ाई अभी तक चल रही है। क्रांतिकारी के मन में यहां के लोगों में श्रद्धा का भाव है। महात्मा गांधी ने जब भारत छोड़ो का आह्वान किया था, आज उस स्मृति को ताजा करने के लिए हम एकत्र हुए हैं। हमें प्रेरणा मिलती है। 1942 में बलिया ने स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया है। डीएम और एसपी नियुक्त कर दिए थे। कुदाल -फावड़ा लेकर जिला कारागार पर हमला बोल दिया था। क्रांतिकारियों को छुड़ा लिया था और चित्तू पाण्डेय के नेतृत्व में अस्थायी सरकार का गठन भी कर लिया है। बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने 84 क्रांतिकारियों को गोलियों से भून दिया गया था। यह बलिदान और त्याग बलिया की नई पहचान देता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शुक्रवार को जनपद आगमन को लेकर एक दिन पहले गुरुवार को ही सुरक्षा के मद्देनजर दिनभर तैयारी चलती रही। उच्चाधिकारी बैठकों में दिशा-निर्देश देते नजर आए। वहीं गुरुवार की शाम को सुरक्षा टीम ने जिला अस्पताल में निरीक्षण किया। सेफ हाउस तक सुरक्षा का रिहर्सल किया गया। एनएसजी के जवानों ने पुलिस के साथ गहनता से हर पहलू पर नजर डाली। इस दौरान अस्पताल में भी गहमागहमी बनी रही।
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