मुख्यमंत्री धामी ने हिमालय एवं पर्यावरण संरक्षण में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों एवं इस क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं को किया ‘हिमालय मित्र सम्मान’ से सम्मानित
हिमालय एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता के लिए हिन्दुस्तान समाचार पत्र द्वारा पिछले 10 वर्षों से यह सराहनीय पहल की जा रही है : मुख्यमंत्री
हिमालय बचाओ अभियान पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को भी सम्मानित किया।
आकाश ज्ञान वाटिका, 9 सितम्बर 2022, शुक्रवार, देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को नगर निगम प्रेक्षागृह, देहरादून में हिन्दुस्तान मीडिया लि. द्वारा आयोजित ‘हिन्दुस्तान हिमालय बचाओ अभियान’ सम्मान समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हिमालय एवं पर्यावरण संरक्षण में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों एवं इस क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं को हिमालय मित्र सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने हिमालय बचाओ अभियान पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को भी सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हिमालय एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता के लिए हिन्दुस्तान समाचार पत्र द्वारा पिछले 10 वर्षों से यह सराहनीय पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाला राज्य है। प्राकृतिक दृष्टि से उत्तराखण्ड सम्पन्न राज्य है। हमारा प्रयास होना चाहिए कि इन प्राकृतिक संपदाओं का सही सदुपयोग हो। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में उन्होंने प्रस्ताव रखा कि हिमालयी राज्यों के लिए उन राज्यों की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से अलग नीति बननी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय से निकलने वाली नदियाँ भारत के विस्तृत भू-भाग को सिंचित करती है। उन्होंने कहा कि जल स्त्रोत तेजी से सूख रह हैं, इनके पुनर्जीवीकरण की दिशा में ठोस कदम उठाये जाने की जरूरत है। हिमालय एवं पर्यावरण संरक्षण सबकी सामुहिक जिम्मेदारी है, इनके संरक्षण के लिए सबको अपना योगदान देना होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य कर रहे उत्तराखण्ड के अनेक लोगों के नामों का उल्लेख किया, जो अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति से इस दिशा में कार्य कर रहे हैं।
इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक श्रीमती सविता कपूर, हिन्दुस्तान समाचार पत्र के देहरादून संपादक गिरीश गुरूरानी एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे महानुभाव एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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