गाजियाबाद में मासूम से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में बिहार के मूल निवासी चंदन को फांसी की सजा
आकाश ज्ञान वाटिका, २१ जनवरी २०२१, गुरुवार। दिल्ली के निर्भया दुष्कर्म व हत्याकांड की याद अभी भी ताजा है। उस मामले में मौत की सजा पा चुके दोषियों में एक बिहार का अक्षय ठाकुर भी था। ऐसा ही एक और मामला गाजियाबाद में ढ़ाई साल की मासूम से दुष्कर्म और हत्या का है, जिसमें गाजियाबाद की पॉक्सो अदालत ने बिहार के मूल निवासी व गाजियाबाद में पड़ोसी मुंहबोले चाचा को फांसी की सजा सुनाई है। पॉक्सो अदालत के विशेष न्यायाधीश महेंद्र श्रीवास्तव ने घटना को जघन्य व क्रूरतम मानते हुए दोषी चंदन पांडेय को फांसी की सजा के साथ साथ ही अर्थदंड भी दिया।
पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक उत्कर्ष वत्स के अनुसार घटना बीते 19 अक्टूबर की देर शाम में हुई थी। चंदन मासूम बच्ची को खिलाने की बात कहकर अपने घर ले गया, फिर उसके साथ दरिंदगी की। बाद में एक नाले के पास उसका शव मिला। उसकी हत्या दुष्कर्म के बाद गला घोंटकर की गई थी।
मृतक बच्ची के पिता ने चंदन के खिलाफ नामजद एफआइआर दर्ज कराया। अनुसंधान के दौरान सीसीटीवी फुटेज में आरोपित चंदन बच्ची को घटना-स्थल की ओर ले जाता देखा गया। घटना का आरोप पत्र कोर्ट में 19 दिसंबर को पेश किया गया। फिर त्वरित सुनवाई के बाद इस मामले में रिकार्ड 31 दिनों की सुनवाई के बाद 20 जनवरी को सजा सुनाई गई। दोषी चंदन करीब एक दशक से पीड़िता मृतक के पिता का दोस्त था। दोनों परिवार बिहार के मूल निवासी हैं। चंदन मोतिहारी का तो पीड़ित परिवार सीतामढ़ी का है।
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