सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21: सरकार से सस्ते में ख़रीदिए सोना, जानें क्या है रेट और निवेश की प्रक्रिया
आकाश ज्ञान वाटिका, 4 जुलाई, शनिवार। कोरोना संकट के इस समय में सोने में निवेश का चलन बढ़ा है। आर्थिक अनिश्चितता के समय सेफ हैवेन माने जाने वाले सोने में लोग बड़े पैमाने पर निवेश करते हैं। अगर आप भी सोने में निवेश करना चाहते हैं तो 6 जुलाई से 10 जुलाई तक का समय आपके लिए काफी मुफीद है क्योंकि इस अवधि में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2020-21 की चौथी सीरीज में निवेश किया जा सकता है। इस सीरीज की गोल्ड बॉन्ड के लिए 4,852 रुपये प्रति ग्राम की कीमत तय की गई है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में ऐसा कहा गया है, केंद्रीय बैंक ने अप्रैल में एलान किया था कि सरकार 20 अप्रैल से सितंबर तक छह चरण में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) लाएगी।
- भारत सरकार की ओर से रिजर्व बैंक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2020-21 जारी करेगा।
आरबीआई ने कहा कि बॉन्ड की तारीख से पहले के तीन कार्यदिवसों पर 999 शुद्धता के सोने के बंद भाव के औसत के हिसाब से सोने की कीमत 4,852 प्रति ग्राम तय की गई है। केंद्रीय बैंक इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की ओर से दिए गए बंद भाव के औसत के हिसाब से सोने की कीमत तय करता है।
केंद्रीय बैंक ने जानकारी दी है कि इस गोल्ड बॉन्ड के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने वाले और डिजिटल माध्यम से भुगतान करने वाले को प्रति ग्राम के हिसाब से 50 रुपये की छूट मिलेगी। आरबीआई ने कहा है, ”ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4,802 रुपये प्रति ग्राम होगा।”
जून में केंद्रीय बैंक की ओर से लाए गए बॉन्ड के समय सोने की कीमत 4,677 रुपये प्रति ग्राम पर थी।
बॉन्ड की खास विशेषतायें:
- भारत में रह रहे नागरिक, हिन्दू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और चैरिटेबल संस्थाएं इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत निवेश कर सकती हैं। इस बॉन्ड में न्यूनतम एक ग्राम के साथ निवेश किया जा सकता है। एक वित्त वर्ष में कोई भी व्यक्ति या हिन्दू अविभाजित परिवार चार किलोग्राम तक का निवेश इस स्कीम में कर सकता है। वहीं ट्रस्ट जैसी संस्थाएं एक वित्त वर्ष में 20 किलोग्राम तक का निवेश कर सकती हैं।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अवधि आठ साल की होती है।
- इस गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत नवंबर, 2015 में हुई थी।
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