उत्तराखंड में भाजपा का चुनावी रथ सरपट दौड़ा – अपनी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पर भारी पड़ी भाजपा
उत्तराखंड में भाजपा का चुनावी रथ सरपट दौड़ रहा है। पंचायत चुनावों में भी भाजपा अपनी प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पर भारी पड़ी। नगर निकाय चुनाव में पहले ही परचम फहरा चुकी भाजपा के हौसले अब पंचायत चुनाव में भी जोरदार जीत के बाद सातवें आसमान पर हैं।
जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर भाजपा की जीत को ऐतिहासिक बताते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व सासद अजय भट्ट ने मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पांचों लोकसभा सीटों पर विजय पताका फहराने के बाद उत्तराखंड में भाजपा हर चुनावी मोर्चा फतह करती जा रही है।
वर्ष 2017 में 70 में 57 सीटों पर एतिहासिक जीत दर्ज कर चुकी पार्टी पिछले साल संपन्न निकाय चुनाव में भी अव्वल रही थी। फिर इसी वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा ने लगातार दूसरी बार पांचों लोकसभा सीटों पर कब्जा कायम रखा।
हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों के 89 विकासखंडों में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा ने 53 क्षेत्र पंचायत प्रमुख पदों पर काबिज होने का दावा किया, जबकि कांग्रेस का दावा 28 का रहा। 12 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों में से चार पर पहले ही भाजपा समर्थित प्रत्याशी निर्विरोध निर्वाचित हो चुके थे और गुरुवार को हुए मतदान में भाजपा ने शेष आठ में से पांच जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर कब्जा जमाया।
इस तरह भाजपा के खाते में नौ जिला पंचायत अध्यक्ष पद आए। कांग्रेस के हिस्से में तीन जिला पंचायत अध्यक्ष पद आए। जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में जोरदार जीत से पार्टी गदगद है।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने इस जीत पर कहा कि प्रदेश में भाजपा ने त्रिस्तरीय पंचायतों में अपना परचम फहरा कर इतिहास रचा है। जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर भाजपा ने 75 प्रतिशत में सफलता प्राप्त की है।
उन्होंने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष से पूर्व क्षेत्र पंचायत व ग्राम स्तरीय चुनाव में भी भाजपा को भारी सफलता मिली। इससे यह साफ हो गया है कि जनता का भाजपा पर पूरा विश्वास है और उसने काग्रेस सहित पूरे विपक्ष को नकार दिया है। उन्होंने जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत व ग्राम पंचायत स्तर पर विजयी सभी प्रत्याशियों को बधाई दी और मतदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया।
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