राजस्थान में बड़ा सियासी उल्टफेर, कांग्रेस विधायक राजेन्द्र गुढ़ा ने थामा शिवसेना का दामन
राजस्थान। अपने बयानों के चलते अक्सर चर्चा में रहने वाले पूर्व मंत्री एवं उदयपुरवाटी से कांग्रेस विधायक राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने आज शिवसेना का दामन थाम लिया। गुढ़ा झुंझुनूं जिले में अपने गांव गुढ़ा में अपने पुत्र शिवम गुढ़ा के जन्म दिन के अवसर पर आयोजित जनसभा में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना में शामिल हो गए। शिंदे गुढ़ा को शिवसेना का दुपट्टा पहनाकर उनको शिवसेना में शामिल किया। गुढ़ा इससे पहले वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर दयपुरवाटी विधानसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद बसपा के सभी छह विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
इस मौके पर शिंदे ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा उन्होंने एक साल पहले यहीं पर कहा था कि गुढ़ा के कारण मैं मुख्यमंत्री हूं, फिर उन्हीं को बर्खास्त कर दिया गया। गहलोत ने जो किया उसका जवाब जनता देगी। गुढ़ा ने क्या गलती की, सच्चाई का साथ देना गुनाह है क्या। गुढ़ा ने राजस्थान में कानून व्यवस्था, महिलाओं के खिलाफ अत्याचार की ही तो आवाज उठाई थी।
उन्होंने कहा कि गुढ़ा ने मंत्री पद छोड़ा, सच्चाई नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि गुढ़ा का शिवसेना में स्वागत है। राजस्थान की वीरता और महाराष्ट्र की वीरता का मिलन सुखद है। गुढ़ा जब भी महाराष्ट्र आते थे तो वहां रह रहे राजस्थानियों की चिंता करते थे। महाराष्ट्र में रहने वाले हर राजस्थानी का हम ध्यान रखेंगे।
शिंदे ने कहा गुढ़ा की तरह ही मैंने भी मंत्री पद छोड़ा था। मैंने बाला साहेब के विचारों-आदर्शों के लिए मंत्री पद छोड़ा था। राजेंद्र गुढ़ा ने सचाई के लिए मंत्री पद छोड़ा है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में कानून-व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए और राजस्थान का विकास होना चाहिए। गुढ़ा ने गत जुलाई में विधानसभा में कानून-व्यवस्था को लेकर मंत्री रहते हुए सवाल उठाए थे। उन्होंने राजस्थान में दुष्कर्म मामलों की चर्चा करते हुए कहा था कि हमें मणिपुर पर बात करने से पहले अपने गिरेबां में झांकना चाहिए। इसके बाद गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। मंत्री पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने लाल डायरी का मुद्दा भी उठाया।
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