आठ राज्यों के रंगकर्मियों को मिलेगा बेस्ट थियेटर प्रमोटर अवार्ड
अवार्ड के रूप में एक प्रशस्ति पत्र, एक अंग वस्त्र और 11,000 रुपए नकद दिए जायेंगे
हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (हिपा) द्वारा हर वर्ष विश्व नाटक दिवस पर यह अवार्ड प्रदान किया जाएगा।
आकाश ज्ञान वाटिका, 26 मार्च 2023, रविवार, रोहतक। स्थानीय संस्था #हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (हिपा) द्वारा हर वर्ष उत्तर भारत के 8 राज्यों, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तराखंड और पंजाब के एक एक रंगकर्मी को “देवेंद्र त्रिखा बेस्ट थिएटर प्रमोटर अवार्ड” से सम्मानित किया जाएगा। इस कड़ी में पहला अवार्ड वर्ष 2022 के लिए हरियाणा से मनीष जोशी, दिल्ली से दिनेश अहलावत, हिमाचल प्रदेश से केहर सिंह ठाकुर, जम्मू एंड कश्मीर से मुश्ताक काक, राजस्थान से देशराज मीणा, चंडीगढ़ से सुदेश शर्मा, पंजाब से गोपाल शर्मा और उत्तराखंड से महेश नारायण को विश्व नाटक दिवस के अवसर पर 27 मार्च 2023 को रोहतक में प्रदान किया जाएगा। अवार्ड के रूप में एक प्रशस्ति पत्र, एक अंग वस्त्र और 11,000 रुपए नकद दिए जायेंगे।
हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (हिपा) के अध्यक्ष और जानेमाने थियेटर प्रमोटर विश्वदीपक त्रिखा ने यह जानकारी देते हुए बताया, “रंगकर्म करना आज के दिन कितना मुश्किल हो गया है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छोटे बड़े सभी शहरों में रंगकर्म करने वाले तो बहुत हैं लेकिन नाटक देखने वाले बिल्कुल ही नदारद हैं। मैने बहुत जगह कॉम्पिटिशन में भी देखा है कि केवल प्रतिभागी ही रंगशाला में दर्शक होते हैं। आज अगर रंगमंच को जरूरत है तो वह है कला प्रमोटर्स की यानी कि रंगमंच को प्रमोट करने वाले व्यक्तियों की।”
हिपा के अध्यक्ष ने कहा कि हर शहर में पाँच-सात ऐसे ग्रुप मौजूद हैं जो नाटक के लिए बहुत ही जुनूनी हैं। वे समय-समय पर नए नाटक तैयार करते हैं। उन नाटकों में निर्देशक भी अपने दिमाग के घोड़े दौड़ा कर उसे सुंदर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन नाटक का मंचन करने के लिए अनुमानित 50/60 हजार का खर्चा आता है और रंगकर्मी के लिए इतने पैसे जुटाना बहुत ही मुश्किल होता है। वे मन मसोस के रह जाते हैं और उस नाटक का मंचन नहीं हो पाता। ऐसे में रंगकर्म प्रमोटर्स ही उन्हें मंच मुहैया करवाते हैं।
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