उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का जल्दी होगा ऐलान, जानिए किसका नाम है सबसे आगे
आकाश ज्ञान वाटिका, 20 जून 2022, सोमवार, लखनऊ। योगी सरकार-2.0 में स्वतंत्रदेव सिंह काे मंत्री बनाए जाने के बाद से ही भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष पर सभी की निगाहें हैं। यह तय है कि इस पद पर किसी के भी चयन के पीछे आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति ही होगी। ऐसे में कई दावेदारों के नाम लगातार चर्चा में बने हुए हैं। अब उम्मीद की जा रही है आजमगढ़ और रामपुर के उपचुनाव के तुरंत बाद नए अध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी, क्योंकि दो और तीन जुलाई को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक तेलंगाना में होनी है।
भाजपा में एक व्यक्ति, एक पद के सिद्धांत का पालन किया जाता है। इस दृष्टि से स्वतंत्रदेव सिंह के मंत्री बनते ही तय हो गया था कि अब उनके स्थान पर किसी और को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा। पार्टी ने 2024 में होने जा रहे लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। ऐसे में पार्टी प्रदेश में संगठन की कमान भी ऐसे कार्यकर्ता को सौंपना चाहेगी, जिसके माध्यम से जातीय-क्षेत्रीय समीकरण भी सधें।
2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के अनुभव पर अनुमान लगाया जा रहा है कि 2024 के लिए भी पार्टी पुराने सफल फार्मूले को अपनाते हुए ब्राह्मण को ही प्रदेश अध्यक्ष बनाएगी। ऐसे में पूर्व उपमुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम और महेश शर्मा प्रबल दावेदार बताए जाते हैं। संघ की पृष्ठभूमि वाले प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश कुमार का नाम तेजी से चर्चा में आया है।
इसी तरह कुछ लोगों का मानना है कि पार्टी इस बार दलित पर दांव लगा सकती है, क्योंकि विधानसभा चुनाव में इस वर्ग का अच्छा-खास वोट भाजपा को मिला है। यदि यह वोटबैंक भाजपा से जुड़ा रहता है तो लोकसभा चुनाव में स्थिति और मजबूत हो सकती है। इस वर्ग से सांसद विनोद सोनकर, विधान परिषद सदस्य विद्यासागर सोनकर, अनुसूचित जनजाति से एमएलसी लक्ष्मण आचार्य के नाम पहले से चल रहे हैं। इसी बीच इस कड़ी में इटावा से सांसद और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. रामशंकर कठेरिया का नाम भी जुड़ गया है।
सूत्रों के अनुसार कयास लागयुए जा रहे हैं कि अब तक किसी नाम पर शीर्ष नेतृत्व की सहमति बन चुकी होगी। संभवत: 26 जून को आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव का परिणाम आने के बाद नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा कर दी जाएगी। इसके पीछे तर्क यह भी दिया जा रहा है कि दो और तीन जुलाई को तेलंगाना में भाजपा राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक होनी है। उसमें देशभर के लिए पार्टी लोकसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन पर करेगी। नए प्रदेश अध्यक्ष उस बैठक में शामिल होंगे और फिर यहां अपनी आवश्यकता अनुसार नई टीम बनाकर मिशन-2024 में जुटेंगे।
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