सगाई होने के बाद युवक और युवती ने दी जान
दून शहर में एक युवक और युवती ने छह घंटे के भीतर फांसी लगाकर जान दे दी। दोनों की छह महीने पहले ही घर वालों की रजामंदी से सगाई हुई थी। इसके बाद दोनों की बातचीत होने लगी थी।
देहरादून, दून शहर में एक युवक और युवती ने छह घंटे के भीतर फांसी लगाकर जान दे दी। दोनों की छह महीने पहले ही घर वालों की रजामंदी से सगाई हुई थी। इसके बाद दोनों की बातचीत होने लगी थी।
बुधवार दिन में 11 बजे के करीब युवती ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी, इस बात की खबर जब लड़के को लगी तो वह परेशान हो गया और शाम 5:30 बजे के करीब उसने भी खुद को कमरे में बंद कर लिया और पंखे से लटककर जान दे दी। युवती ब्यूटीशियन का कोर्स कर चुकी थी, जबकि लड़का फिलहाल कोई कामकाज नहीं कर रहा था। दोनों ने यह कदम क्यों उठाया, इस रहस्य से अभी पर्दा नहीं उठ पाया है।
पुलिस के अनुसार, सूरज थापा (24) पुत्र दल बहादुर थापा निवासी नौका दौड़वाला, नेहरू कॉलोनी की सगाई करीब छह महीने पहले डालनवाला कोतवाली क्षेत्र के इंदर रोड की रहने वाली सुख माया (21) पुत्री गगन थापा से हुई थी। सुख माया ब्यूटीशियन का कोर्स करने के बाद एक ब्यूटी पार्लर में जॉब भी करने लगी थी, लेकिन गगन थापा घर पर ही रहता था।
पुलिस के अनुसार दोनों की रोज बातचीत भी होती रहती थी। बुधवार को दिन में 11 बजे के करीब दून मेडिकल कॉलेज से डालनवाला पुलिस को सूचना मिली कि इंदर रोड की रहने वाली एक लड़की ने सुसाइड कर लिया है। पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
पुलिस सुख माया के खुदकुशी करने के पीछे के कारणों का पता लगा ही रही थी कि शाम 5:30 बजे के करीब नौका दौड़वाला में सूरज थापा में ने भी अपने घर में खुदकुशी कर ली। नेहरू कॉलोनी थाने की पुलिस जब नौका दौड़वाला पहुंची तब पता चला कि दोपहर में सूरज की मंगेतर सुख माया ने खुदकुशी कर ली है।
मंगेतर की आत्महत्या की बात सुनकर सूरज अचानक से परेशान हो उठा था और घरवाले उसे समझाने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस यह सुनकर चौंक गई और तुरंत डालनवाला कोतवाली पुलिस से संपर्क किया। बात सही निकली तो पूछा गया कि सुख माया ने कोई सुसाइड नोट तो नहीं छोड़ा है। जवाब ना में मिलने पर पुलिस ने सूरज थापा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
एसपी सिटी श्वेता चौबे ने बताया कि अभी फिलहाल खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चल सका है। सुखमाया और सूरज में किसी बात को लेकर अनबन थी, इस बात का अभी पता नही चल सका है। परिजन अभी इस स्थिति में नहीं हैं कि उनसे ज्यादा पूछताछ की जा सके। फिर भी मामले के हर पहलू की जानकारी जुटाई जा रही है। लेकिन अभी तक कोई ठोस जानकारी निकल कर सामने नहीं आई है।
तय नहीं हुई थी शादी की तारीख
सुखमाया और सूरज की मंगनी तो हो चुकी थी, लेकिन दोनों की शादी की डेट अभी फाइनल नहीं हुई थी। हालांकि परिजन शादी की तैयारी कर रहे थे। माना ये जा रहा था कि नवंबर में शादी की तारीख पड़ेगी, लेकिन इससे पहले ही दोनों ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जिसके बाद से दोनों ही घरों में कोहराम मच गया है।
मोबाइल से खुल सकता है राज
पुलिस ने सुख माया और सूरज के मोबाइल को कब्जे में ले लिया है। दोनों की सीडीआर भी मंगाई जा रही है। बताया जा रहा कि बुधवार को दिन में दोनों की लंबी बातचीत हुई थी, यह बात दोनों ने अकेले में की थी। लिहाजा परिजनों को यह नहीं मालूम कि दोनों का किसी बात पर झगड़ा हुआ था, या नहीं।
कशिश-कृष्णा की मर्डर मिस्ट्री की ताजा हुई याद
सूरज और सुखमाया की खुदकुशी से कशिश कृष्णा की मर्डर मिस्ट्री की याद भी ताजा हो गई। करीब सात महीने पहले प्यार में धोखा मिलने से आहत प्रेमी कृष्णा ने पहले प्रेमिका कशिश को मौत के घाट उतारा, फिर खुद भी फांसी लगा ली थी। कृष्णा ने पहले कलाई काट कर खुदकुशी करने की कोशिश की थी, लेकिन उससे मौत नहीं हुई थी। कृष्णा कोतवाली क्षेत्र का, जबकि कशिश डीएल रोड की रहने वाली थी।
यह वारदात 18 दिसंबर 2018 की रात को हुई थी। राजपुर थाना क्षेत्र के कैनाल रोड पर आईपीएस कॉलोनी से पहले इन्फीनिटी एनक्लेव के तीसरे माले पर कृष्णा के जीजा परमवीर सिंह ने आलीशान फ्लैट ले रखा था। घटना की रात कृष्णा कशिश को लेकर फ्लैट में पहुंचा।
करीब साढ़े आठ बजे परमवीर ने कृष्णा को फोन करना शुरू किया तो वह फोन रिसीव नहीं कर रहा था। परमवीर फ्लैट पहुंचा तो मेन डोर अंदर से लॉक था। कई बार आवाज लगाने पर भी जब भीतर से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो परमवीर ने मेन डोर का लॉक तोड़ दिया।
भीतर जाते ही फर्श पर खून से बने से कदमों के छाप देख कर उसके होश उड़ गए। फ्लैट के भीतर का एक कमरा भी अंदर से लॉक था। परम ने रोशनदान से भीतर झांककर देखा तो कशिश बेड पर अचेत पड़ी थी, जबकि कृष्णा पंखे से बंधे तार से लटक रहा था।
प्रारंभिक जांच और मौका-ए-वारदात से मिले साक्ष्यों से पुलिस ने माना कि कृष्णा ने पहले कशिश को गला दबाकर मारा या फिर तकिये से मुंह दबाकर उसकी सांस रोक दी होगी। इसके बाद उसने अपने बांये हाथ की कलाई को काटकर खुदकुशी करने की कोशिश की।
काफी खून बहने के बाद भी जब उसकी मौत नहीं हुई तो वह किचन के पास रखे टूल बाक्स से तार निकालकर कमरे में वापस आया और पंखे से फंदा बनाकर लटक गया। मगर इस मडर मिस्ट्री को लेकर पुलिस के पास कोई ठोस सबूत नहीं है। सीडीआर से लेकर दोनों की बिसरा रिपोर्ट तक पुलिस को मिल चुकी है, लेकिन अभी यह नहीं पता चल सका है कि कृष्णा ने कशिश को कैसे और क्यों मारा।
सुखमाया और सूरज का मामला इनसे थोड़ा अलग जरूर है, लेकिन एक साथ जीवन लीला समाप्त करने का कदम उठाना कोई आसान बात भी नहीं है। ऐसे में देखना होगा कि सुखमाया और सूरज के बीच के रिश्तों की परत खोल कर पुलिस इस मामले का भी पर्दाफाश कर पाती है, या नहीं।
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