ईष्ट देव सेवा समिति, देहरादून के तत्वाधान में, आचार्य श्रित सुरेन्द्र प्रसाद सुन्दरियाल महाराजजी द्वारा 21 दिवसीय ‘माँ धारी देवी डोली यात्रा’ का दिव्य आयोजन १३ जनवरी से २ फ़रवरी २०२० तक किया जायेगा
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आकाश ज्ञान वाटिका। १० जनवरी, २०२० (शुक्रवार)। ईष्ट देव सेवा समिति, देहरादून के तत्वाधान में, आगामी २१ दिवसीय माँ धारी देवी डोली यात्रा विषयक एक प्रेस वार्ता का आयोजन आज १० जनवरी, २०२० शुक्रवार को प्रेस क्लब देहरादून में आयोजित की गई।
[box type=”shadow” ]ईष्टदेव सेवा समिति(पंजी०) के संस्थापक एवं माँ धारी देवी नागराजा उपासक आचार्य श्रित सुरेन्द्र प्रसाद सुन्दरियाल महाराजजी द्वारा 21 दिवसीय माँ धारी देवी डोली यात्रा का दिव्य आयोजन १३ जनवरी से २ फ़रवरी २०२० तक करना सुनिश्चित किया जा रहा है। यात्रा के दौरान माँ धारी देवी की देव डोली १३ जनवरी, २०२०, सोमवार को नगर निगम से प्रातः १० बजे, डोली की पूजन अर्चना,माँ धारी देवी पुजारी नयास के अध्क्षय सचिदानन्द पांडेयजी द्वारा होगा, जिसमे उत्तराखंड के गणमान्य भक्त जनों द्वारा विधिवत रूप से पूजा अर्चना के बाद माँ की देव डोली अपनी यात्रा के लिए प्रस्थान करेगी। इस यात्रा में उत्तराखंड के वाद्य यंत्र ढोल-दमाऊ, डोर-थाली आदि के साथ परम्परिक जगरों, भजनों, माँ धारी देवी के जयकारों के संग देव डोली यात्रा नगर निगम हॉल से प्रारम्भ होकर शहीद स्थल तक नगर परिक्रमा करते हुए उत्तराखंड के जनमानस के कल्याण एवं खुशाली के लिए आशीर्वाद देते हुए एवं उत्तराखंड की देव संस्कृति की अखंडता का आशीर्वाद देते हुए, देव डोली आगे की यात्रा प्रारम्भ करेंगी। जिसमें देहरादून की मात्रा शक्ति, कीर्तनमंडलिया, धार्मिक संगठन एवं अनेक संस्थाए, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच एवं अनेक भक्तजनों के संग, माँ की डोली यात्रा भव्य रूप से निकाली जाएगी, जो देहरादून के अनेक स्थानों में विराम लेकर, माँ की देव डोली, अपने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करेगी। १५ जनवरी २०२०, मकरसंक्रांति के पावन पर्व पर माँ धारी देवी की देव डोली हरिद्वार में गंगा स्नान करेगी एवं रुड़की, मेरठ, साहिबाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद, कानपूर में उत्तराखंड की देव संस्कृति पर आधारित कार्यकर्मो द्वारा एवं उत्तराखंड की संस्कृति का प्रचार -प्रसार, उत्तराखंड के वाद्य यंत्रों द्वारा ढोल-दमौ, डोर-थाली, हुड़का, जगारों एवं मंडान के माध्यम से उत्तराखंड के देवी-देवताओं की देव कथा का आवाहन किया जायेगा एवं महाराजजी द्वारा अलग अलग स्थानों पर ईष्ट कथा के द्वारा उत्तराखंड की भूमि से दूर के वासी एवं प्रवासी भगतजनों को अपने उत्तराखंड की देव संस्कृति के मूल स्तम्भ, अपने ईष्ट कुल के देवी-देवताओं को पूजन रोट-प्रसाद, अर्चन, वंदन, पूजा-पाठ करने के लिए कथा के माध्यम से प्रेरित किया जायेगा कि आपके जन्म भूमि की माटी, घाटी, चोक, तिबारी, पानी के पन्नदेरा, डॉडी काठी आप के लिए आज भी व्याकुल है। आचार्य श्रित सुंदरियाल महाराजजी द्वारा कन्या भूर्ण हत्या, स्वच्छ भारत अभियान, निर्मल गंगा, पलायन, स्वरोजगार, बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ, आदि के लिए भी भक्तजनों को प्रेरित किया जायेगा।
माँ भगवती आ रही आप के घर द्वार, राजी ख़ुशी रखे माँ आपका परिवार ! ……….आचार्य श्रित सुरेन्द्र प्रसाद सुन्दरियाल महाराजजी[/box]
इस डोली यात्रा में २१ सदस्य मुख्य रूप से प्रतिभाग करेंगे और भजन कीर्तन डोली दर्शन के द्वारा समस्त भक्तजनों को लाभान्वित करने का प्रयास करेंगे जिसमें नागरजा, नर्सिंग, धारी देवी के भक्तजनों द्वारा उनको टिका,अक्षत, पत्र, पुष्प आशीर्वाद स्वरूप प्रदान किया जाएगा एवं २९ जनवरी २०२० को प्रयागराज में बसंत पंचमी को माँ की देव डोली स्नान करेगी एवं १ फ़रवरी २०२० को माँ की देव डोली श्रीनगर गढ़वाल सिद्धपीठ माँ धारी देवी मंदिर में पहुंचेगी। माँ धारी देवी डोली की पूजा अर्चना मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य लक्ष्मी प्रसाद पांडेयजी द्वारा की जाएगी। २ फ़रवरी २०२० को विशाल भंडारे का आयोजन किया जायेगा तथा उसके बाद माँ की देव डोली अपने स्थान नेहरू कॉलोनी, देहरादून के लिए प्रस्थान करेगी।
आज प्रेस में मुख्य रूप से समिति के कोषाध्यक्ष मनोज उनियाल, सचिव दिगंम्बर प्रसाद सुन्द्रियाल, आचार्य मधु सूदन जुयाल, राजदिप भट्ट, नीतिन सेमवाल, सिताम्बर पंवार, गंभीर सिंह राणा, मनोज धस्माना, उत्तराखंड राज्य आंदोलन मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, राम लाल खंडूरी, चंद्रकांता बेलवाल एवं उत्तराखंड साहित्य कला परिषद् के उपाध्यक्ष, मंन्त्री घन्नानन्द गगोड़िया आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे l
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