व्रत के दौरान रखें अपनी सेहत का ख्याल – कम खायें लेकिन हेल्दी खायें
आकाश ज्ञान वाटिका। दिमाग की तरह शरीर को भी व्यस्त रहना चाहिए। इससे अच्छी नींद आती है। अगर आप किसी वजह से फिजिकल एक्टिविटी नहीं कर सकते, तो एक्सरसाइज करने की आदत डालें। शरीर हमेशा सीधी मुद्रा में रहना चाहिए। इससे अलग रहते हैं तो यह आलस्य का संकेत है और आलस्य आत्मसंयम का दुश्मन है।
व्रत के दौरान जहां कुछ लोग सिर्फ एक वक्त खाते हैं वहीं कुछ लोग दिनभर खाते रहते हैं जो बिल्कुल भी सही नहीं। कम खाएं लेकिन हेल्दी खाएं। हेल्दी का मतलब सिर्फ फ्रूट और जूस नहीं, बल्कि उन चीजों से होता है जिसमें प्रोटीन से लेकर विटामिन्स, फाइबर, कॉर्बोहाइड्रेट सभी संतुलित मात्रा में शामिल हो।
नवरात्र व्रत में फिट रहने के लिए दूध और इससे बनने वाली चीज़ों जैसे दही, मक्खन, घी और पनीर को अपनी डाइट में करें शामिल। ये कैल्शियम और प्रोटीन का बहुत ही अच्छा स्त्रोत होते हैं। सुबह ब्रेकफास्ट में इनकी मात्रा आपको रखेगी पूरे दिन तरोताजा और एक्टिव।
आम दिनों के साथ ही खाने के इस नियम का पालन व्रत में भी जरूरी है। समां के चावल, कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा, मखाना, साबूदाना और मूंगफली व्रत में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली चीज़ें हैं। जो दिन में एक या दो, जितनी बार खाएं चबा-चबाकर खाएं। जो पाचन के लिए बहुत ही जरूरी है खासचर स्टार्च को पचाने के लिए।
दूध के अलावा, शरीर को दूसरी चीज़ें भी चाहिए। व्रत में कम खाने का मतलब कुछ भी खा लेने से नहीं है। प्रोटीन, फाइबर से भरपूर चीज़ों की मात्रा सेहतमंद बने रहने के लिए बहुत ही जरूरी है। इसके अलावा ये भोजन को पचाने के लिए जरूरी होता है। जिससे आप व्रत के दौरान अपच, कब्ज और भी कई दूसरी समस्याओं से बचे रहेंगे।
डाइट में मौसमी फल जरूर शामिल होने चाहिए। सुबह के समय फल खाना सबसे फायदेमंद होता है। दूध और फल का नाश्ता सबसे बेहतरीन होता है। केला अच्छा फल है, लेकिन इसमें स्टार्च काफी मात्रा में होता है इसलिए दूध और केला परफेक्ट आहार माना जाता है।
भोजन शरीर के लिए फर्ज समझकर करना चाहिए। बढ़िया सजी हुई थाली या जीभ के संतोष के लिए कभी नहीं। जब तेज भूख लगी हो तो खाने का मजा ही कुछ और है। हमारी गलत आदतें और जीने के कृत्रिम तरीकों की वजह बहुत कम लोगों को पता होता है कि उनके शरीर को क्या चाहिए।