सैफ अली की पूर्व पत्नी अमृता के मामा बिम्बेट की वसीयत पर संशय बरकरार
देहरादून। जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री और सैफ अली खान की पूर्व पत्नी अमृता सिंह के मामा मधुसूदन बिम्बेट की वसीयत को लेकर संशय बरकरार है। अमृता सिंह और दिवंगत बिम्बेट के अधिवक्ताओं की मानें तो अभी तक उनकी कोई वसीयत सामने नहीं आई है। संपत्ति को लेकर अमृता सिंह और उनकी मौसी ताहिरा बिम्बेट की ओर से जिलाधिकारी देहरादून व सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में वाद वर्ष 2015 से लंबित है।
अमृता सिंह व उनकी मौसी का मधुसूदन बिम्बेट से संपत्ति को लेकर विवाद वर्ष 2015 में तब शुरू हुआ, जब मधुसूदन बिम्बेट की मां आशा बिम्बेट का निधन हुआ। बताया जा रहा है कि तब मधुसूदन दून के क्लेमेनटाउन एरिया स्थित अपनी 24 बीघा जमीन और उस पर बने आलीशान मकान को बेच कर मुंबई या गोवा शिफ्ट होना चाहते थे, मगर इसकी भनक जब उनकी बहन ताहिरा बिम्बेट और छोटी बहन रुखसाना सुल्ताना की बेटी मशहूर फिल्म अभिनेत्री अमृता सिंह को हुई तो दोनों की ओर से भी संपत्ति पर दावा कर दिया गया। उसी साल ताहिरा और अमृता सिंह की ओर से जिलाधिकारी और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में केस दायर कर किया गया। तब से दोनों अदालतों में इस प्रकरण पर सुनवाई चल रही है।
बीते शनिवार को मधुसूदन बिम्बेट के देहांत के बाद चर्चा तेज हो गई थी कि उन्होंने अपनी संपत्ति को लेकर वसीयत कर रखी है। हालांकि, अदालत में मधुसूदन बिम्बेट की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता मनीष जुयाल ने बताया कि अभी तक मधुसूदन की कोई वसीयत नहीं मिली है। आखिरी समय में उनकी देखभाल करने वाले व्यक्ति की तरफ से यह कहा जा रहा था कि बिम्बेट ने कुछ लिखा जरूर है, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है।
वहीं, अमृता सिंह के अधिवक्ता मनोज शैली ने कहा कि अमृता की ओर से पुलिस को बीती 15 जनवरी को एक प्रार्थना पत्र दिया गया है, जिसमें यह कहा गया है कि संपत्ति उनकी है और पुलिस संपत्ति की निगरानी करे ताकि कोई भी उस पर अवैध रूप से काबिज न होने पाए। उन्होंने भी कहा कि वसीयत के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है।
यह है हाईप्रोफाइल मामला
वायुसेना में विंग कमांडर मदन मोहन बिम्बेट और आशा बिम्बेट की तीन संतानें मधुसूदन बिम्बेट, ताहिरा बिम्बेट व रुखसाना सुलताना हुईं। मधुसूदन ने विवाह नहीं किया और मरते दम तक देहरादून के क्लेमेनटाउन स्थित बंगले में ही रहते रहे, जबकि ताहिरा बाद में गोवा चली गईं और उन्होंने भी विवाह नहीं किया। रुखसाना सुल्ताना ने जाने-माने स्तंभकार खुशवंत सिंह के भतीजे शिविंदर सिंह से विवाह किया। अमृता सिंह रुखसाना और शिविंदर की बेटी हैं। आशा बिम्बेट की मौत के बाद संपूर्ण संपत्ति उनके बेटे मधुसूदन के नाम दाखिल-खारिज हो गया। वह संपत्ति को बेचते इससे पहले ही ताहिरा और अमृता ने खुद को संपत्ति का वारिस बताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटा दिया।
बेटी सारा के साथ आई थीं अमृता
मधूसूदन बिम्बेट पिछले चार महीने से अधिक समय से बीमार चल रहे थे। 22 दिसंबर को उन्हें जौलीग्रांट स्थित हिमालयन हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां 19 जनवरी को उनका देहांत हो गया। इसकी जानकारी मिलने पर अभिनेत्री अमृता सिंह बेटी सारा अली खान के साथ देहरादून आई थीं। मामा का अंतिम संस्कार करने के बाद वह थाने भी गई थीं।
बिम्बेट की संपत्ति के अधिकार पर बढ़ती जा रही रार
बालीवुड की मशहूर फिल्म अभिनेत्री अमृता सिंह के मामा मधुसूदन बिम्बेट की संपत्ति को लेकर रार बढ़ती ही जा रही है। घरेलू झगड़े में चंद बाहरी लोगों की दखल ने इस विवाद को और पेंचीदा बना दिया है। वहीं आखिरी समय में मधुसूदन की देखभाल करने वाले खुशीराम का दावा है कि मधुसूदन की करोड़ों की संपत्ति पर कुछ प्रापर्टी डीलरों की निगाहें जम गई हैं
हाईप्रोफाइल परिवार के बीच विवाद की बुनियाद तभी पड़ गई थी, जब 86 साल की अवस्था में मधुसूदन बिम्बेट की मां आशा बिम्बेट ने साल 2009 में वसीयत लिखी। परिवार के करीबियों की मानें तो उन्होंने पैतृक संपत्ति का केवल मधुसूदन को उत्तराधिकारी बताया था। वहीं वसीयत में ताहिरा बिम्बेट का जिक्र केवल इतना ही किया गया था कि मधुसूदन अगर चाहें तो ताहिरा को 40 लाख रुपये दे सकते हैं। इस वसीयत में रुखसाना सुल्ताना या उनकी बेटी अमृता सिंह का जिक्र तक नहीं है।
कुछ समय तक यह बात तो पर्दे के पीछे रहा, लेकिन अपनों के बीच दूरियां तब और बढ़ गईं, जब वर्ष 2016 में ताहिरा ने अमृता के साथ मिल कर संपत्ति पर दावा ठोंक दिया। मामले में दो अलग-अलग वाद जिलाधिकारी और सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दाखिल किया गया है। देखना होगा कि मधुसूदन ने आखिरी समय में जो वसीयत की है, वह कब खुलती है। क्योंकि पारिवारिक मित्रों और मधुसूदन के करीबियों की मानें इससे विवाद और भी उलझ सकता है।
उलझा हुआ है फैमिली बैकग्राउंड
सूत्रों की मानें तो वायुसेना में अधिकारी रहे मधुसूदन बिम्बेट के पिता मदनलाल बिम्बेट की दो शादियां हुई थीं। मदनलाल मूलत: पंजाब के बिम्बेट गांव के रहने वाले थे। आजादी के बाद हुए बंटवारे में पंजाब प्रांत का बिम्बेट गांव पाकिस्तान में चला गया। कहा जाता है कि रुखसाना मदनलाल की पहली पत्नी की बेटी हैं। अमृता सिंह रुखसाना की ही बेटी हैं। रुखसाना की मौत के बाद मदन लाल ने आशा से विवाह किया। जिनसे तब्बू (अब ताहिरा बिम्बेट) और मधुसूदन पैदा हुए। ऐसे में रुखसाना मदन लाल की पहली पत्नी और ताहिरा तथा मधुसूदन दूसरी पत्नी से हुए थे।
कब किसने के नाम रही विवादित संपत्ति
- 27 मार्च 1940-एंग्लो इंडियन एंड डोमेसाइल्ड यूरोपियन सोसाइटी ने यह संपत्ति डार्टन और उनकी पत्नी एम डार्टन को बेची।
- 6 मार्च 1941- डार्टन परिवार ने यह संपत्ति ईला लुम्सडन को बेची।
- 28 नवंबर 1951- ईला लुम्सडन ने इसका दाखिल खारिज कराया।
- 7 अक्टूबर 1968 को इसमें से दो बीघा जमीन विजय केन नाम के व्यक्ति को बेच दी।
- 21 जून 1969 में लुम्सडन ने विजय केन को चार बीघा जमीन और बेची।
- 15 सितंबर 1969- 14 बीघा जमीन लुम्सडन ने एम बिम्बेट को बेची। इसी समय विजय केन ने भी अपने जमीन बिम्बेट को बेच दी।