हर व्यक्ति की सफलता के पीछे गुरू का हाथ, गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना जाता है : भाजपा नेता विकास गर्ग
➥ ‘ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी’ द्वारा किया गया ‘छात्र-शिक्षक सम्मान समारोह’
➥ हर एक व्यक्ति की सफलता के पीछे गुरू का हाथ होता है।
आकाश ज्ञान वाटिका, 18 नवम्बर 2021, गुरूवार, देहरादून। ‘ज्ञान कलश सोशल वेलफेयर एंड एजुकेशनल सोसाइटी’ द्वारा रिवरेन पब्लिक स्कूल, ब्रह्मनवाला माजरा में ‘छात्र-शिक्षक सम्मान समारोह’ का आयोजन किया गया। समारोह के मुख्य अतिथि भाजपा नेता एवं वरिष्ठ पत्रकार विकास गर्ग रहे।
कार्यक्रम में आठ स्कूल के 16 बच्चों एवं 12 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि विकास गर्ग, विशिष्ट अतिथि मंजू शर्मा प्रधानाचार्या, प्रबन्धक मयंक भूषण शर्मा के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। सोसाइटी के अध्यक्ष अभिनव कपूर के द्वारा सोसाइटी का परिचय देने के पश्चात सम्मान समारोह प्रारम्भ किया गया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता विकास गर्ग ने कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए कहा कि गुरू विद्यालय में विद्यार्थियों को अनुशासन तथा शिक्षा देकर गुणवान व्यक्ति बनाता है। जिस व्यक्ति ने गुरू की कही गई बातों पर अमल किया और उन्हें गौर से जाना और उनके अनुरूप अपने आप में सुधार किया है, वह आज के जमाने में सबसे महान व्यक्ति है। जीवन की हर परिस्थितियों में गुरू की शिक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण होती है।
हर एक व्यक्ति की सफलता के पीछे गुरू का हाथ होता है। गुरु को भगवान से भी बढ़कर माना जाता है। गुरु को उजाले का दीप माना जाता है। गुरू के बिना व्यक्ति का जीवन अधूरा है। गुरू के सहयोग से ही हर व्यक्ति सफल बनता है। गुरू का होना अंधकार में दीप के जैसे होता है, जो खुद जलकर दूसरों के जीवन में उजाला प्रदान करता है। माता-पिता के बाद दूसरा शिक्षक गुरू ही होते हैं। गुरु से ली गई शिक्षा व संस्कार हमारे जीवन के प्रगति पथ को आसान बना देती है।
भापजा नेता विकास गर्ग ने कहा कि गुरू ही वह व्यक्ति होता है जो खुद एक स्थान पर रहकर दूसरों को अपनी मंजिल तक पहुँचाता है। गुरू हमेशा सभी को अच्छा ज्ञान देता है। गुरू सच्चे पथ प्रदर्शक होता है। हमारे जीवन में गुरू बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।
उन्होंने कहा कि मनुष्य के लिए भगवान से भी बढ़कर गुरू को माना जाता है क्योंकि भगवान हमें जीवन प्रदान करता है और गुरू हमें शिक्षा देकर, इस जीवन को सही ढंग से जीना सिखाते हैं। जो गुरू का मार्ग दर्शन करके चलता है, उसे जीवन में कभी ठोकरे नहीं खानी पड़ती है।
‘गुरू’ शब्द को देखा जाए तो यह दो शब्दों के मेल से बनता है। जिसमें पहला शब्द ‘गु’ जिसका अर्थ होता है, अंधकार और दूसरा शब्द ‘रू’ जिसका अर्थ होता है, उजियारा यानी गुरु के नाम से ही हम पहचान कर सकते हैं कि वह हमें अंधकार से उजियारे की ओर ले जाने का कार्य करते हैं। गुरु हमें अंधकार रूपी इस जीवन में प्रकाश रूपी ज्ञान देते हैं।
इस अवसर पर कार्यक्रम में रिवरेन पब्लिक स्कूल, रा० ब० ई० का० ब्रह्मपुरी, देहरा पब्लिक स्कूल, दी द्रोणा स्कूल, सन रेज़ इंटरनेशनल स्कूल विद्यालयों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में वंदना शर्मा, हिमांशु आर्या, पंकज अरोडा, पल्लवी चौहान, कंचन कटियार आदि शिक्षक मौजूद थे व अंशुल रावत, पारुल नौटियाल, अलीशा नाज, खुशी राणा आदि छात्र मौजूद थे।