उत्तराखंड की 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी समाजवादी पार्टी
- चकबंदी, नजूल भूमि पर मालिकाना हक होगा सपा का चुनावी मुद्दा
आकाश ज्ञान वाटिका, 6 सितम्बर, 2021, सोमवार, देहरादून। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और प्रदेश प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने कहा है कि पार्टी प्रदेश की सभी 70 सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगी। प्रत्याशियों के चयन पर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव लेंगे।
रविवार को रुद्रपुर में पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति में हिस्सा लेने आए प्रदेश प्रभारी चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दो दशकों में उत्तराखंड की सत्ता पर काबिज सरकारों ने जन आकांक्षाओं के अनुरूप कोई भी कार्य नहीं किया।
बारी-बार से सत्ता पर काबिज रहीं भाजपा और कांग्रेस ने जनता को निराश ही किया है। किसान, नौजवान, मजदूर, व्यापारी हर वर्ग इनसे परेशान है। भाजपा सरकार ने साढ़े चार साल में तीन मुख्यमंत्री बदलकर बता दिया है कि वह सरकार चलाने में असफल रही है।
सपा का मानना है कि जब तक आर्थिक नीतियां जनसापेक्ष नहीं होंगी, तब तक कोई सरकार कामयाब नहीं होगी। कहा कि प्रदेश में पार्टी बड़ी ताकत भले ही न हो लेकिन अगर जनता ने मौका दिया तो राज्य आंदोलन के सपनों को साकार किया जाएगा।
शिक्षा, रोजगार, पलायन के मुद्दों पर धरातल पर कार्य होगा और सत्ता में आने पर किसानों को उनकी उत्पादन लागत का डेढ़ गुना भुगतान किया जाएगा। वहां पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ० सत्यनारायण सचान, जिलाध्यक्ष योगेंद्र यादव मौजूद रहे।
समाजवादी पार्टी की प्रदेश कार्यसमिति बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव और संगठन की मजबूती पर चर्चा की गई। वक्ताओं ने कहा कि पार्टी चकबंदी, पलायन, नजूल पर मालिकाना हक सहित तमाम मुद्दों पर चुनाव में उतरेगी।
इस दौरान तय हुआ कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संदेश लिखे हैंडबिल को सपा संदेश यात्रा के तहत प्रदेश के 50 हजार परिवारों तक पहुंचाया जाएगा।
रविवार को एक होटल में हुई बैठक में राष्ट्रीय प्रवक्ता और प्रदेश प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने कहा कि जनता भाजपा और कांग्रेस से निराश हो चुकी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से पूरे आत्मविश्वास के साथ चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान ने कहा कि कांग्रेस और भाजपा की सरकारों ने प्रदेश को भ्रष्टाचार की मिनी प्रयोगशाला बना दिया है। पलायन के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में वीरान गांवों की संख्या 1768 पहुंच चुकी है।
अन्य वक्ताओं ने पहाड़ और तराई में संगठन को मजबूत करने की जरूरत बताई। इस दौरान पार्टी के कार्यक्रम और प्रचार के लिए आईटी सेल के गठन पर भी जोर दिया गया। बैठक के बाद डॉ. सचान ने बताया कि पार्टी चुनाव में सभी पर्वतीय जिलों में एक-एक मिनी सिडकुल की स्थापना, शिक्षा एवं स्वास्थ्य का बजट बढ़ाने, चकबंदी, कंडी रोड, पर्वतीय क्षेत्रों में लिफ्ट से सिंचाई व्यवस्था, प्रदेश को ग्रीन इकोनॉमी के रूप में विकसित करने, नजूल पर मालिकाना हक, राशन कार्ड बनवाने में जाति एवं जन्म प्रमाणपत्र की बाध्यता समाप्त कर प्रक्रिया का सरलीकरण जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव में जाएगी और सत्ता में आने पर इन्हें पूरा करेगी।
पार्टी की मांग है कि राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग पर्वतीय जिलों में वर्ष 1979 के मानकों पर सर्वेक्षण करे। कहा कि भू कानून लागू करने से कृषि भूमि और कम हो जाएगी।
प्रदेश कोषाध्यक्ष एसके राय, प्रदेश प्रमुख महासचिव शोएब अहमद सिद्दीकी, वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश परिहार, प्रदेश महासचिव संजय सिंह, मंडल सह प्रभारी प्रमोद बिष्ट, कार्यक्रम संयोजक एडवोकेट योगेंद्र कुमार यादव, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष हनीफ गांधी, श्रमिक सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश यादव, यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष्ज्ञ अरविंद यादव, राम सिंह सागर आदि।