राज्य के आपदा संवेदनशील गाँवों से परिवारों के पुनर्वास का काम पूरी गम्भीरता से किया जा रहा है : मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत
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- पिछले तीन वर्ष में आपदा संवेदनशील गाँवों से पुनर्वास में आई तेजी।
- 27 में से 25 आपदा संवेदनशील गाँवों के परिवारों का पुनर्वास पिछले तीन वर्ष में।
- 2017 से 2020 तक तीन वर्षो में 29 करोड़ 12 लाख 53 हजार रूपये आवंटित किए गए।
- आपदा संवेदनशील 225 गाँवों का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण पूर्ण। : मुख्यमंत्री[/box]
आकाश ज्ञान वाटिका, रविवार, 7 जून 2020, देहरादून (सू.ब्यूरो)। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा है कि राज्य के आपदा संवेदनशील गाँवों से परिवारों के पुनर्वास का काम पूरी गम्भीरता से किया जा रहा है। वर्ष 2017 से पहले जहाँ 2 गाँवों के 11 परिवारों का पुनर्वास किया गया था, वहीं वर्तमान सरकार के तीन वर्ष के अभी तक के कार्यकाल में 25 गाँवों के 688 परिवारों का पुनर्वास किया गया है। वर्ष 2017 तक 2 गाँवों के 11 परिवार, 2017-18 में 12 गाँवों के 177 परिवार, 2018-19 में 6 गाँवों के 151 परिवार और 2019-20 में 7 गाँवों के 360 परिवारों का पुनर्वास किया गया है।
वर्ष 2017 तक राज्य सरकार द्वारा आपदा संवेदनशील गाँवों से पुनर्वास के लिए 37 लाख 50 हजार रूपये आवंटित किए गए, जबकि 2017 से 2020 तक तीन वर्षो में 29 करोड़ 12 लाख 53 हजार रूपये आवंटित किए गए। आपदा प्रभावित 395 गाँवों को आपदा संवेदनशील ग्रामों के रूप में चिन्हित किया गया था, इनमें से 225 गाँवों का भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण करा दिया गया है।
[box type=”shadow” ]उत्तराखंड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट
विश्व बैंक की सहायता से उत्तराखण्ड डिजास्टर रिकवरी प्रोजेक्ट के अंतर्गत 84 पुलों का निर्माण कार्य और 15 मार्ग सुरक्षात्मक कार्य कराए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 5 रिवर बैंक प्रोटेक्शन कार्य, यूएसडीएमए का भवन और जौलीग्रांट में एसडीआरएफ प्रशिक्षण सुविधा का निर्माण कार्य भी परियोजना के तहत किया जाना है।
840 करोड़ रूपये की लागत वाली इस परियोजना के लिए विश्व बैंक द्वारा ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। 29 अप्रैल 2019 से प्रभावी परियोजना की समाप्ति तिथि 31 मार्च 2022 निर्धारित है। विश्व बैंक के साथ प्रोजेक्ट का फंडिंग पैटर्न 80:20 है। अभी तक परियोजना की 22 प्रतिशत भौतिक प्रगति हो चुकी है। [/box]