कांग्रेस के राजकुमार ने थामा भाजपा का दामन
- विधानसभा चुनाओं से पहले कांग्रेस को लगा यह दूसरा झटका
आकाश ज्ञान वाटिका, 12 सितम्बर 2021, रविवार, देहरादून। विधानसभा चुनाव – 2022 की तिथि ज्यों-ज्यों नजदीक आ रही है त्यों-त्यों पार्टियों की बैचेनी भी बढ़ती जा रही है।
सभी दल अपनी-अपनी जीत सुनिश्चिन करने के लिए हर तरह के दाँव-पेंच अपना रही हैं।
उत्तराखंड में लगभग चार-पाँच माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले सभी पार्टियाँ लगातार कद्दावर नेताओं को अपने पाले में लाने की कवायद में जुटी हुई है।
कुछ दिन पहले ही धनोल्टी विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक प्रीतम सिंह पंवार भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी और भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
धनौल्टी विधानसभा के विधायक प्रीतम सिंह पंवार को पहले ही पार्टी में शामिल कर चुकी भापजा के पाले में अब एक और विधायक शामिल हो रहे हैं।
रविवार को दिल्ली में पार्टी के एक और विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं। उत्तरकाशी जिले की पुरोला सीट से कांग्रेस विधायक राजकुमार आज दिल्ली में भाजपा में शामिल हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार विधायक राजकुमार ने भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के सामने देहरादून की एक सीट से टिकट देने की शर्त रखी है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा धनौल्टी विधानसभा के विधायक प्रीतम सिंह पंवार को पहले ही पार्टी में शामिल करा चुकी है। अब एक और विधायक भाजपा में शामिल हो गए हैं।
पुरोला विधायक राजकुमार की पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की ही रही है। उनके पिता पतिदास ने वर्ष 1985 में उत्तरकाशी से कांग्रेस के टिकट पर विधान सभा चुनाव लड़ा था और हार गए थे।
राजकुमार ने देहरादून के डीएवी पीजी कॉलेज से ग्रेजुशन किया है, लेकिन वह छात्र राजनीति में कभी भी सक्रीय नहीं रहे। उत्तराखंड के अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आने के बाद वह भाजपा से जुड़े। वर्ष 2007 में आरक्षित सीट, सहसपुर से भाजपा ने राजकुमार को टिकट दिया और वह चुनाव जीत गए। इसके बाद वर्ष 2012 में सहसपुर सीट के सामान्य होने के बाद उन्होंने वर्ष 2012 में पुरोला सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा। इस चुनाव में वह हार गए। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी मालचंद जीते थे और राजकुमार दूसरे नंबर पर रहे थे। वर्ष 2017 में उन्होंने कांग्रेस में वापसी की थी। उन्हें पुरोला से टिकट मिला था और इस चुनाव में उन्होंने जीत दर्ज की थी।
सूत्रों की मानें तो अब जब से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को आगामी विधानसभा चुनावाें की कमान सौंपी गई है तब से ही विधायक राजकुमार असहज महसूस कर रहे हैं और आगामी चुनावों में टिकट न मिलने की आशंका के चलते ही भाजपा में शामिल हुए।
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने विधायक राजकुमार को पार्टी की सदस्यता देते हुए उन्हें भाजपा में शामिल कराया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, भाजपा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी व उत्तराखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक भी मौजूद रहे।