मन की बात कार्यक्रम के जरिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज देशवासियों को करेंगे संबोधित
आकाश ज्ञान वाटिका, 24 अप्रैल 2022, रविवार, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी हर बार की तरह इस बार भी इस कार्यक्रम में कुछ लोगों से बात करेंगे और उनके बारे में देश को पता चलेगा। मन की बात का ये एपिसोड ऐसे समय हो रहा है जब रूस और यूक्रेन के युद्ध को दो माह पूरे हो गए हैं।आपको बता दें कि मन की बात प्रधानमंत्री का मासिक रेडियो संबोधन है, जो हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है। मन की बात का पहला एपिसोड 3 अक्टूबर 2014 को प्रसारित किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज मन की बात कार्यक्रम के 88वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। इस कार्यक्रम के शुरुआत में उन्होंने प्रधानमंत्री संग्रहालय का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ये संग्रहालय लोगों को कई तरह की नई जानकारी देता है। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व पीएम की जानकारी के लिए ये समय बेहद अनुकूल है क्योंकि हम आजादी का महोत्सव मना रहे हैं। उन्होंने लोगों से कुछ सवाल भी किए और कहा कि इनके जवाब नमो ऐप पर जरूर दें। उन्होंने कहा कि देखते हैं आपको अपने देश के बारे में कितनी जानकारी है। उन्होंने डाक टिकट से जुड़े देश में मौजूद म्यूजियम और रेल म्यूजियम के बारे में भी सवाल किया जहां पर इनकी पूरी जानकारी देखने को मिलती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में जब कोई भी म्यूजियम देखने जाए तो उसको देशवासियों से साझा करें। पीएम मोदी ने इस दौरान सागरिका और प्रेक्षा का जिक्र किया जिन्होंने हर चीज का लेनदेन का डिजिटल तरीके से किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में उन्हें हर जगह इसकी सुविधा मिली। उन्होंने आनंदिता का भी जिक्र किया जो गाजियाबाद की रहने वाली हैं। आनंदिता ने उत्तर पूर्व की यात्रा का जिक्र पीएम मोदी से किया और डिजिटल तरीके से पेमेंट करने की जानकारी दी। इसलिए कैशलेस होने की तरफ आगे बढ़ें।
प्रधानमंत्री मोदी ने भीम यूपीआई का जिक्र करते हुए लोगों को इसकी तरफ बढ़ने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए आपको पैसे जेब में रखने की कोई जरूरत नहीं है। इसकी वजह से देश में बड़ी डिजिटल इकनामी तैयार हुई है। इस दौरान 20 लाख करोड़ तक का डिजिटल लेनदेन हुआ है। उन्होंंने इस दिशा में लोगों से अपने अनुभव को साझा करने की भी अपील की।
प्रधानमंत्री मोदी ने दिव्यांगों की एक आर्ट गैलरी का जिक्र किया और कहा कि उनकी बनाई पेंटिंग्स में कई तरह के विषयों को छुआ गया है। उन्होंने कहा कि यदि आप ऐसे किसी दिव्यांग को जानते हैं उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए काम करें। इस कार्यक्रम में उन्होंने पानी की उपयोगिता और उसकी कमी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश अमृत महोत्सव मना रहा है जिसमें 75 अमृत सरोवर बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इस पर काम शुरू हो चुका है।
उन्होंने इस दौरान रामपुर की एक ग्राम पंचायत का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पर गंदगी से पटे एक तालाब को फिर से सही किया गया है। उन्होंने पानी बचाने पर अधिक जोर दिया और कहा कि ये हम सभी का दायित्व है कि हम इसको संजो रखेंगे। सिंधु और हड़प्पा संस्कृति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उस वक्त जल संरक्षण को लेकर जागरुकता काफी अधिक थी। लेकिन आज ऐसा नहीं है। इसलिए जल संरक्षण से जुड़े और अपने जिले की पहचान बनें।
पिछली बार प्रधानमंत्री मोदी ने निर्यात के 30 लाख करोड़ के लक्ष्य को हासिल करने की बात कही थी। उनका कहना था कि दुनिया में भारतीय सामानों की मांग लगातार बढ़ रही है। बता दें कि भारत लगातार कई क्षेत्रों में लगातार आगे बढ़ रहा है। योग हो या आयुष उद्योग का बाजार भारत का डंका पूरी दुनिया में लगाताबजा है। मौजूदा समय में आयुष विनिर्माण उद्योग एक लाख चालीस हजार करोड़ रुपये के भी पार पहुंच गया है।
प्रधानमंत्री मोदी का ये संबोधन इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि कुछ ही समय के बाद 10वीं और 12वीं के एग्जाम शुरू होने वाले हैं। हालांकि पीएम मोदी इससे पहले भी स्टूडेंट्स से इस बारे में चर्चा कर चुके हैं। लगभग वर्ष ही वो उन छात्र और छात्राओं से बात करते हैं जो एग्जाम की तैयारी में जुटे होते हैं। इसके पीछे उनका मकसद ऐसे स्टूडेंट्स के मनोबल को बढ़ाना और एग्जाम को अपने ऊपर हावी न होने देने के लिए मोटिवेट करना रहा है।