प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु और पुडुचेरी के दौरे पर, विभिन्न विकास परियोजनाओं का करेंगे शुभारंभ
आकाश ज्ञान वाटिका, 25 फ़रवरी 2021, गुरुवार, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज तमिलनाडु और पुडुचेरी के दौरे पर रवाना हो गए हैं। यहां वह विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री सागरमाला योजना के तहत पुडुचेरी में माइनर पोर्ट के विकास की आधारशिला रखेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार, प्रधानमंत्री चार लेन के एनएच 45 का शिलान्यास करेंगे। 56 किलोमीटर का यह हाईवे सत्तानाथ पुरम से नागपट्टिनम तक होगा। इस परियोजना की लागत लगभग 2,426 करोड़ रुपये है। इसके बाद वह कराईकल में जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER)में न्यू कैंपस- I की आधारशिला भी रखेंगे। यह परियोजना लगभग 491 करोड़ रुपये की है। वह यहां ब्लड सेंटर का भी उद्घाटन करेंगे।
तमिलनाडु में लगभग 4 बजे, प्रधानमंत्री मोदी देश को नेवेली न्यू थर्मल पावर प्रोजेक्ट समर्पित करेंगे। यह एक लिग्नाइट आधारित पावर प्लांट है जिसे 1000 मेगावाट की बिजली उत्पादन क्षमता के लिए डिज़ाइन किया गया है और इसमें 500 मेगावाट की क्षमता वाली दो इकाइयां हैं। ये परियोजना लगभग 8000 करोड़ रुपये की लागत का है। इससे तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी को लाभ मिलेगा। तमिलनाडु की हिस्सेदारी लगभग 65 प्रतिशत होगी। प्रधानमंत्री देश को एनएलसीआइएल का 709 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना को भी समर्पित करेंगे, जो तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, रामनाथपुरम और विरुदनगर जिलों में लगभग 2670 एकड़ क्षेत्र में स्थापित है। यह परियोजना 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की है।
प्रधानमंत्री का केंद्रशासित प्रदेश के दौरे पर ऐसे समय आ रहे हैं, जब हाल में यहां काबिज कांग्रेस सरकार गिर गई है। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को वहां राष्ट्रपति शासन लगाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी के इस्तीफे के बाद किसी भी पार्टी ने सरकार बनाने का दावा नहीं किया। इसके बाद उपराज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की, जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद वहां विधानसभा भंग कर दी जाएगी और प्रशासनिक कामकाज के लिए जल्द ही जरूरी कदम उठाए जाएंगे। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही वहां चुनावी आचार संहिता भी लागू हो जाएगी। अपने ही विधायकों के इस्तीफे कारण नारायणसामी सरकार अल्पमत में आ गई थी। सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही नारायणसामी ने अपनी कैबिनेट का इस्तीफा सौंप दिया।