पीएम मोदी ने कहा- संकट के वक्त में काम कर रहे वैज्ञानिकों पर हमें गर्व है
नई दिल्ली, आज बु्द्ध पूर्णिमा है। बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक समारोह को संबोधित किया। बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वेसाक वैश्विक समारोह को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअली संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कोरोना को लेकर बात की। उन्होंने कोरोना को मानवता पर सबसे बड़ा खतरा बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना मानवता पर सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि हमें अपने वैज्ञानिकों पर गर्व है।
बुद्ध पूर्णिमा पर वर्चुअल वेसाक वैश्विक समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा किमैं एक बार फिर अपने फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स, डॉक्टरों, नर्सों को सलाम करता हूं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं शोक व्यक्त करता हूं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हमारा ग्रह COVID-19 के बाद पहले जैसा नहीं रहेगा। अब हमें महामारी की बेहतर समझ है। हमारे पास वैक्सीन है। भारत को हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है। पीएम मोदी ने कहा कि मौसम का मिजाज बदल रहा है, ग्लेशियर पिघल रहे हैं, नदियां और जंगल खतरे में हैं। हम अपने ग्रह को घायल नहीं रहने दे सकते।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भगवान बुद्ध ने जीने के तरीके और प्रकृति मां के सम्मान पर जोर दिया। भारत उन कुछ बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है जो पेरिस के लक्ष्यों को पूरा करने की राह पर हैं।
हर साल इस कार्यक्रम यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) मिलकर आयोजित करता है। इस कार्यक्रम में दुनियाभर के बौद्ध संघों के सभी प्रमुख लोग शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) के मुताबिक, इस समारोह को दुनिया के 50 से अधिक प्रमुख बौद्ध धार्मिक नेता संबोधित करेंगे।
उपराष्ट्रपति ने दी बधाई
बुद्ध पूर्णिमा की पूर्व संध्या पर बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि इस अवसर पर लोगों को भगवान बुद्ध की ओर से दिखाए गए करुणा और सहिष्णुता के मार्ग का पालन करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा- भगवान बुद्ध इस धरती के महानतम आध्यात्मिक गुरुओं में से एक थे। भगवान बुद्ध की ओर से दिया गया शांति, भाईचारे और करुणा का शाश्वत संदेश विश्व के मनुष्यों को नैतिक मूल्यों और संतोष पर आधारित जीवन जीने की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है।
उपराष्ट्रपति ने बताया महान अवसर
उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि ‘हमारे देश में त्योहार, परिजनों और मित्रों के साथ परस्पर मिलने और उत्सव मनाने का एक महान अवसर होता है, लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए मैं अपने नागरिकों से आग्रह करता हूं कि इस त्योहार को वे अपने घरों के भीतर और कोविड-संबंधी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मनाएं। उपराष्ट्रपति ने कहा- आइए हम खुद को भगवान बुद्ध द्वारा दिखाए गए करुणा और सहिष्णुता के मार्ग के लिए प्रतिबद्ध करें।’